पत्नी खुद कमा रही तो पति से नहीं मिल सकता गुजारा भत्ता... इहालाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का अहम फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक मामले में फैसला सुनाया कि अगर पत्नी खुद अच्छी कमाई कर रही है तो उसे पति से गुजारा भत्ता नहीं मिल सकता. हालांकि कोर्ट ने कहा कि बच्चे का भरण-पोषण पति की जिम्मेदारी है.

Allahabad HC Lucknow Bench
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 01 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:51 AM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पारिवारिक विवाद मामले में एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने साफ कहा कि अगर पत्नी खुद अच्छी कमाई कर रही है तो उसे पति से गुजारा भत्ता नहीं मिल सकता. हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उस आदेश को पलट दिया, जिसमें पारिवारिक न्यायालय ने पति को पत्नी को हर महीने 15 हजार रुपये भरण-पोषण के लिए देने का निर्देश दिया था.

पति-पत्नी दोनों करते हैं जॉब-
दरअसल, मामला एक दंपति के बीच चल रहे विवाद से जुड़ा है. पति सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और 1.75 लाख रुपये महीना कमाता है, जबकि पत्नी भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और उसे 73 हजार रुपये महीने की सैलरी मिलती है. इतना ही नहीं, पत्नी ने बख्शी का तालाब इलाके में 80 लाख रुपये से अधिक कीमत का फ्लैट भी खरीदा है.

पत्नी अपना खर्च उठा सकती है- कोर्ट
पति ने पारिवारिक अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में कहा था कि जब पत्नी सक्षम है और अच्छा वेतन कमा रही है, तो वह भरण-पोषण की हकदार नहीं हो सकती. कोर्ट ने इस दलील को सही माना और कहा कि पत्नी को 73 हजार रुपये वेतन मिलता है, इसलिए वह अपना खर्च खुद उठा सकती है.

पति को बच्चे का भरण-पोषण करना होगा- कोर्ट
हालांकि, कोर्ट ने इस पूरे मामले में बच्चे के अधिकार को सबसे ऊपर रखा. अदालत ने कहा कि पति को अपने नाबालिग बच्चे का भरण-पोषण करना ही होगा. इसी आधार पर कोर्ट ने पति को आदेश दिया कि वह हर महीने 25 हजार रुपये बच्चे के खर्च के लिए देता रहेगा.

न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए साफ कहा कि पत्नी के लिए गुजारा भत्ता का आदेश त्रुटिपूर्ण था, लेकिन बच्चे के लिए भरण-पोषण देना पति की जिम्मेदारी है. कोर्ट का यह फैसला भविष्य में ऐसे कई पारिवारिक विवादों के लिए नजीर साबित हो सकता है.

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