Ganeshotsav 2025: किसान गणेश मंडल की सस्टेनेबल पहल...साइकिल के पुर्ज़ों से बनाए 5 फ़ीट के गणपति

बीड ज़िले के धारूर कस्बा क्षेत्र में स्थित जय किसान गणेश मंडल ने इस बार पर्यावरण-अनुकूल और अनोखी पहल की है.

Ganesh Chaturthi Special
gnttv.com
  • बीड,
  • 01 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST

महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की धूम है और पूरे राज्य में अलग-अलग तरह की गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की जा रही है. लेकिन बीड ज़िले के धारूर कस्बा क्षेत्र में स्थित जय किसान गणेश मंडल ने इस बार पर्यावरण-अनुकूल और अनोखी पहल की है. मंडल ने पुरानी साइकिलों के स्पेयर पार्ट्स से 5 फ़ीट ऊंची गणेश प्रतिमा तैयार की है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गई है.

60 साल पुरानी परंपरा में नया नवाचार
धारूर की मठ गली में स्थित जय किसान गणेश मंडल पिछले 60 वर्षों से गणेशोत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाता आ रहा है. यह मंडल पर्यावरण-अनुकूल गणेश प्रतिमाओं के लिए जाना जाता है और कई राज्य स्तरीय पुरस्कार भी जीत चुका है. इस बार की विशेषता यह है कि गणेश प्रतिमा की जिम्मेदारी पहली बार महिलाओं को सौंपी गई, जो मंडल की ओर से महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है.

साइकिल के पुर्ज़ों से बनी अनोखी प्रतिमा
इस गणेश प्रतिमा को बनाने में पुरानी साइकिलों के बेकार हिस्सों का रचनात्मक उपयोग किया गया है.

  • टायर कवर से शरीर का ढांचा
  • पत्तों से सूंड और पैर
  • सीट और चेन कवर से सजावट
  • पहियों से पेट
  • पंडाल सामग्री से आंखें
  • चेन की माला और ब्रेक रॉड से हाथ

कलाकार ईश्वर उमाप ने बताया कि प्रतिमा बनाने में सिर्फ दो दिन का समय लगा. शुरू में उन्होंने प्लास्टिक की प्रतिमा बनाने का विचार किया था, लेकिन पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए साइकिल के पुर्ज़ों का उपयोग करने का निर्णय लिया. उनका कहना है कि विसर्जन के बाद इन पुर्ज़ों का फिर से उपयोग किया जा सकता है.

पर्यावरण संरक्षण पर फोकस
मंडल सचिव पृथ्वी तिबोले ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से पर्यावरण-अनुकूल गणेश प्रतिमाएं बनाने की परंपरा जारी है. इस बार साइकिल के पुर्ज़ों से बनी प्रतिमा को देखकर लोग बेहद उत्साहित हैं. उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना है. विसर्जन के बाद साइकिल के पुर्ज़ों को फिर से जोड़ा जा सकता है, जिससे कचरा भी नहीं बढ़ता.”

10 दिनों तक होंगे सामाजिक कार्यक्रम
गणेशोत्सव के दस दिनों के दौरान मंडल कई समाजोपयोगी कार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है, जिनमें शामिल हैं:

  • वृक्षारोपण अभियान
  • ब्लड डोनेशन कैंप
  • महिलाओं की स्वास्थ्य जांच
  • पशुओं का टीकाकरण
  • किशोरियों के लिए मार्गदर्शन सत्र

मंडल उपाध्यक्ष ज्योति तिबोले का कहना है कि मंडल हमेशा नागरिकों के हित में काम करता है और यह पहल आने वाली पीढ़ियों को रीसाइक्लिंग और पर्यावरण संरक्षण के महत्व से अवगत कराती है.

लोगों की भारी भीड़
इस अनोखी गणेश प्रतिमा को देखने के लिए धारूर ही नहीं, बल्कि आसपास के इलाकों से भी लोग पहुंच रहे हैं. मंडल की इस अभिनव पहल की सोशल मीडिया पर भी जमकर सराहना हो रही है.

(रोहिदास हातागले की रिपोर्ट)

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