Alcohol in Body: पुलिस ने शराब पीकर गाड़ी चलाने के केस में व्यक्ति को किया था गिरफ्तार...जांच में पता चला कि उसके शरीर में बन रही थी शराब

बेल्जियम से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां साल 2022 में अदालत ने एक व्यक्ति को शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में उसकी गाड़ी जब्त कर ली थी. अब इस मामले पर फैसला आया है जिसमें पता चला है कि उस व्यक्ति ने शराब पी नहीं रखी थी, बल्कि उसका शरीर ही शराब बनाता है.

Drink and Drive (Representative Image)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 7:39 PM IST

हमारे देश के साथ पूरी दुनिया में शराब पीकर गाड़ी चलाना मना है और इसके लिए कई कानून और उनके तहत सजा भी है. लेकिन अगर मैं आपसे कहूं कि शराब पीने के बजाए अगर व्यक्ति का शरीर खुद शराब बनाने लगे तो इस पर आप क्या कहेंगे. शायद आपको हमारी बात मजाक लगे लेकिन असल में ऐसा हुआ है.

ऐसा एक मामला बेल्जियम में सामने आया है. यहां एक व्यक्ति को शराब पीकर गाड़ी चलाने के संदेह में गिरफ्तार किया गया, मामला अदालत गया. जब जांच की गई तो पता चला कि व्यक्ति का शरीर खुद शराब बनाता है. दरअसल व्यक्ति ऑटो-ब्रूअरी सिंड्रोम (ABS)से पीड़ित था.यह एक दुर्लभ स्थिति है जिसके कारण शरीर शराब पैदा करता है. एन्से गेशक्वीयर ने रॉयटर्स को बताया कि यह एक और दुर्भाग्यपूर्ण संयोग है. 

क्या है पूरा केस?
बता दें कि ये मामला साल 2022 का है. जब पुलिस ने 40 साल के एक व्यक्ति के वाहन को जब्त कर लिया था. व्यक्ति के ऊपर शराब पीकर गाड़ी चलाने का मुकदमा दर्ज किया गया था क्योंकि जांच में उसके शरीर में शराब पाई गई थी. उसके शरीर में शराब की मात्रा का स्तर 0.91 था, जो कानूनी सीमा से दोगुना था. महीने भर बाद टेस्टिंग में उसकी सांस के भीतर 0.71 mg अल्कोहल मिली. बेल्जियम में शराब की कानूनी लिमिट 0.22 mg है.

अब अदालत ने इस पर फैसला सुनाया है.व्यक्ति की पहचान गुप्त रखी गई है. लेकिन अदालत ने उसके खिलाफ शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले को खारिज कर दिया क्योंकि उसे पता चला कि वह एक दुर्लभ स्थिति से ग्रस्त है.पीड़ित व्यक्ति एक शराब बनाने वाली कंपनी में काम करता है लेकिन स्वतंत्र रूप से उसकी जांच करने वाले तीन डॉक्टरों ने पुष्टि की कि वह एबीएस से पीड़ित है.

इससे पहले साल 2019 में व्यक्ति को पकड़ा गया था. उस समय उस पर जुर्माने लगाने के साथ-साथ उसका लाइसेंस भी सस्पेंड कर दिया गया था. तब भी इस शख्‍स ने दावा किया था कि उसने शराब नहीं पी रखी है. लेकिन किसी को यकीन नहीं हुआ और व्यक्ति को पता नहीं था कि वो इस बीमारी से पीड़ित है.

क्या है ये बीमारी?
ऑटो-ब्रूअरी सिंड्रोम यानी ABS एक अजीब सी बीमारी है जो पूरी दुनिया में लगभग 20 लोगों में होती है. इस बीमारी में पीड़ित व्यक्ति के पेट में कार्बोहाइड्रेट्स का फर्मेंटेशन होता रहता है जिससे एथेनॉल बनती है. यह एथेनॉल छोटी आंत में अब्जॉर्ब हो जाती है.खून में अल्कोहल की मात्रा बढ़ने पर नशा होता है.

बेल्जियम के अस्पताल एज़ सिंट-लुकास की क्लिनिकल बॉयोलॉजिस्ट लिसा फ्लोरिन ने बताया कि इस स्थिति वाले लोग उसी प्रकार की अल्कोहल का उत्पादन करते हैं जो अल्कोहल वाले पेय में होता है, लेकिन वे आम तौर पर इसके प्रभाव को कम महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि लोग एबीएस के साथ पैदा नहीं होते हैं, लेकिन जब वे पहले से ही आंत से संबंधित किसी अन्य स्थिति से पीड़ित होते हैं तो उन्हें यह हो सकता है.


 

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