बिहार के जमुई जिला के करमटिया इलाका एक बार फिर से 40 साल बाद सुर्खियों में है. इसके पीछे का कारण करमटिया में 44 फीसदी सोने का भंडार मिलने का दावा किया जा रहा है. इसका सोने का भंडार का दावा होने के बाद बिहार सरकार ने भारत के सबसे बड़े स्वर्ण भंडार के अन्वेषण के लिए अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया है. बिहार सरकार खान और भूविज्ञान विभाग जमुई में सोने के भंडार की खोज के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) सहित अन्वेषण में लगी एजेंसियों के साथ परामर्श कर रही है. वहीं भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के सर्वेक्षण के अनुसार, जमुई जिले में 37.6 टन खनिज युक्त अयस्क सहित लगभग 222.88 मिलियन टन सोने का भंडार मौजूद है.
1982 में आया था सुर्खियों में
जमुई जिला के करमटिया इलाके में सोने का भंडार होने की खबर के फैलते ही इलाके के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी और उन्हें अब लग रहा है अगर करमटिया में सही मायने में सोने का भंडार मिलता है तो इससे न केवल इस इलाके की बल्कि बिहार के साथ-साथ देश की भी तकदीर और तस्वीर बदलेगी. 1982 में सोनो के करमटिया नामक एक बेचिरागी गांव की बंजर भूमि पर सोना पाए जाने की खबर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में था. जो फिर से 40 वर्षों के बाद इसी सोने के भंडार के चलते सुर्खियों में है. जव करमटिया में सोने का भंडार मिलने की सूचना मिली थी इस दौरान इलाके के कुछ लोगों को रातों-रात लखपति बनने का मौका भी मिल गया था.
दावा यहां मिल चुके है स्वर्ण कण
इतना ही नहीं कहा जाता है कि उस दौरान 5 से 10 फीट खुदायी करने पर लोगों को स्वर्ण कण मिल जा रहा था. जिसके बाद तत्कालीन केन्द्र सरकार द्वारा इस इलाके की खुदायी भी की गयी लेकिन फिर बंद कर दिया गया. इसके बाद 2010-11 में खुदायी का कार्य फिर प्रारंभ हुआ लेकिन उत्पादन से अधिक लागत की बात कह कर खुदायी कार्य फिर बंद हो गया और करमटिया को गुमनामी के अंधेरे में धकेल दिया गया. लेकिन एक बार करमटिया फिर सुर्खियों में है.
पिछले साल दिसंबर महीने में लोकसभा में मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा दिए गए बयान के बाद करमटिया पर केन्द्र और राज्य सरकार की नजर गयी. और अब अतिरिक्त मुख्य सचिव हरजोत कौर बह्मरा ने एक बयान देकर मामले को ताजा कर दिया है. उनके अनुसार अब राज्य सरकार केन्द्रीय एजेंसियों के साथ एक समझौता पर हस्ताक्षर करेगी उसके बाद इस इलाके में खुदायी का काम प्रारंभ होगा.
ग्रामीणों का मानना इलाके में सोने का प्रचुर भंडार
इन सबके बीच स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि तत्कालीन केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की लापरवाही और उदासीनता के कारण करटमटिया के इलाकों का 40 सालों तक उपेक्षा की गयी जो देश के विकास में कापी बाधक सिद्ध हुआ. ग्रामीणों का मानना है कि इलाके में सोने का प्रचुर भंडार है सिर्फ आवश्यकता है इसके खुदायी की. इनका ये भी मानना है कि अगर सही दिशा में और सच्चे नियत से इस इलाके की खुदायी की गई तो यहां से इतना सोना निकलेगा जो देश की तकदीर और तस्वीर दोनों बदल सकती है.
(जंमुई से राकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट)