कई बार ड्राइवर को नींद की झपकी आने के कारण कार एक्सीडेंट होते हैं. लंबे समय तक गाड़ी चलाने या नींद पूरी न होने के कारण थकान से कई बार ड्राइवर की आंख लग जाती है. जिससे चालक व अन्य यात्री दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं. पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान में अलग-अलग थाना क्षेत्रों में कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. पुलिस कार हादसों में कई बार चालक व पुलिस कर्मी घायल हो चुके हैं.
ऐसे हादसों से बचने के लिए पूर्व बर्दवान जिले की पुलिस गाड़ी में एक खास उपकरण लगाया गया है. अगर किसी कारण से गाड़ी चलाते समय ड्राइवर की आंखें बंद हो जाती हैं यानि ड्राइवर को नींद आ जाती है तो यह डिवाइस ड्राइवर को रोबोट की तरह अलर्ट कर देगा.
पुलिस व्यवस्था में पहली बार हुआ है ऐसा
जिला पुलिस अधीक्षक कामनशीश सेन का दावा है कि पुलिस व्यवस्था में यह संभवत: देश में पहली बार पूर्व बर्दवान में हुआ है. जिले के एमटीओ अमिय शिकदार ने बताया कि ड्राइवर की सीट पर बैठकर यह डिवाइस कैसे काम करेगा. उन्होंने कहा कि ड्राइवर के सामने कार के डैशबोर्ड पर एक सेंसर लगा होता है, जो इस डिवाइस से कनेक्टेड है.
चाबी से कार स्टार्ट करने के कुछ ही देर बाद यह डिवाइस काम करना शुरू कर देगा. जहां दो लाल बत्तियां दो आंखों की तरह चमकेंगी, लेकिन ये बहुत तेज नहीं होंगी. लेकिन अगर ड्राइवर की पलकें तीन सेकंड के लिए बंद हो जाती हैं, तो कार के अंदर अलार्म बज जाएगा. वहीं वीडियो के साथ यह मैसेज जिला पुलिस के कंट्रोल रूम में भी पहुंच जाएगा.
अधिकारियों को जाएगा SMS
वीडियो के साथ-साथ, जिला पुलिस अधीक्षक और अन्य संबंधित अधिकारियों के मोबाइल फोन पर भी SMS जाएगा. ऐसे में अगर ड्राइवर नहीं जागता है तो पुलिस अधिकारी कार में अन्य लोगों को फोन करके जागरूक कर सकते हैं. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर कोई सेंसर को कवर करता है, तो तुरंत अलार्म बज जाएगा और संबंधित अधिकारियों को एक स्वचालित एसएमएस भेजा जाएगा.
जिला पुलिस अधीक्षक कामनशीश सेन ने कहा, कि यह जीपीआरएस सिस्टम को तभी सक्रिय करेगा जब वाहन की गति बीस किमी प्रति घंटे से अधिक हो और अलार्म की आवाज पांच से छह सेकंड में कदम दर कदम बजती जाएगी ताकि कोई भी जाग जाए.
अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस की भागदौड़
अपराध करके राज्य से बाहर भागे अपराधियों को पकड़ने के लिए जिले की पुलिस देश के विभिन्न हिस्सों में दौड़ना पड़ रहा है. ऐसे में लंबी दूरी की लगातार ड्राइव से पुलिस कार चालक अक्सर थक जाते हैं. जिससे अनजाने में ही गाड़ी चलाने के दौरान आंख लग जाती है. ऐसे में पुलिस कार चालकों को भी परेशानी होती है.
जिला पुलिस अधीक्षक कामनशीश सेन ने कहा कि ड्राइवरों के नींद आने के कारण दुर्घटनाओं से बचने के लिए पुलिस की गाड़ी में डिवाइस लगाया गया है. जिसे हम ड्राइवर सेफ्टी सिस्टम (एक सुरक्षा उपकरण जिसे नोवस अवेयर - ड्राइवर स्टेट मॉनिटरिंग डिवाइस हार्डवेयर कहा जाता है) कहते हैं.
फिलहाल, इसे जिला पुलिस की दो गाड़ियों, स्कॉर्पियो और बोलेरो में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लगाया गया है. इन्हें धीरे-धीरे जिला पुलिस के अधिकांश वाहनों में इस्तेमाल किया जाएगा. इस सुरक्षा उपकरण के इस्तेमाल की पहल पुलिस कर्मियों की सुरक्षा को देखते हुए की गई है. प्रत्येक उपकरण की कीमत करीब 45 हजार रुपये है.
(सुजाता मेहरा की रिपोर्ट)