चीन के शेडोंग प्रांत के किंगदाओ शहर में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. यहां की एक अदालत ने एक महिला को 70,000 युआन (करीब 9,700 अमेरिकी डॉलर) का मुआवजा देने का आदेश दिया. महिला ने कोई क्राइम नहीं किया था न ही किसी को परेशान किया. बस वजह मामूली थी और उसे पता भी नहीं था कि इस छोटी सी गलती के लिए उसे इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. चलिए पूरे मामले को विस्तार से जानते हैं.
अचानक रुकने से हुआ हादसा
घटना मई 2023 की है. एक सुबह 59 साल की लियू सड़क पर आराम से चल रही थीं. अचानक उनका फोन बजा और वह बातचीत करने के लिए अचानक रुक गईं, ऐसे में ठीक उसी समय पीछे से आ रही 29 साल की वांग लियू से जाकर टकरा गई. नतीजा ये हुआ कि लियू जोर से गिरीं और उनके हिप में फ्रैक्चर हो गया. लियू चलने में भी असमर्थ हो गईं और लंबे समय तक उनका इलाज चला.
लियू ने दायर किया केस
लियू ने इसके बाद वांग के खिलाफ अदालत में मामला दायर किया और 188,000 युआन (करीब 26,000 अमेरिकी डॉलर) का मुआवजा मांगा, जिसमें मेडिकल खर्च और डिसेबिलिटी का मुआवजा भी शामिल था. उनका कहना था कि वांग की लापरवाही के कारण उनके साथ यह हादसा हुआ. वहीं, वांग का कहना था कि अगर लियू अचानक नहीं रुकतीं तो यह हादसा नहीं होता.
अदालत ने दोनों को दोषी ठहराया लेकिन वांग को देना पड़ा मुआवजा
अदालत ने इस मामले की सुनवाई के बाद एक चौंकाने वाला फैसला दिया. वीडियो फुटेज के आधार पर अदालत ने यह माना कि लियू को भी अपनी गलती माननी चाहिए क्योंकि वह बिना किसी चेतावनी के रास्ते में रुक गई थीं. हालांकि, वांग को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया क्योंकि वह आगे नहीं देख रही थीं और तेजी से चल रही थीं. इस फैसले के बाद अदालत ने वांग को लियू को 70,000 युआन का मुआवजा देने का आदेश दिया, जो वांग को किश्तों में चुकाना था.
2006 में भी आया था ऐसा ही मामला
ऐसा ही एक मामला 2006 में भी देखने को मिला था जब नानजिंग में पेंग यु नाम के एक युवक ने एक गिरती हुई बुजुर्ग महिला को अस्पताल ले जाने में उसकी मदद की, लेकिन बाद में महिला ने पेंग पर ही आरोप लगा दिया कि उसने ही उसे गिराया. उस मामले में अदालत ने फैसला सुनाया कि "साधारण समझ" से कोई भी अजनबी किसी को अस्पताल नहीं ले जाएगा. इस फैसले के बाद चीन के लोग अजनबियों की मदद करने से डरने लगे थे.
लोगों ने दिए ऐसे-ऐसे रिएक्शन
अब इस नए मामले में भी सोशल मीडिया पर जमकर बहस हो रही है. कुछ लोग यह मानते हैं कि लियू को अचानक रुकने के बजाय अपनी गति धीमी करनी चाहिए थी, जबकि दूसरों का कहना है कि वांग को इतनी तेज नहीं चलना चाहिए था. एक यूजर ने लिखा, इस मामले में जजों को अधिक सावधानी से बोलना चाहिए क्योंकि उनकी बातें समाज में गलत संदेश भेज सकती हैं. वहीं कई यूजर्स इस बात से हैरान हैं कि अगर कोई सामने अचानक रुक जाए, तो पीछे वाले को दोषी कैसे ठहराया जा सकता है?