कई CCTV कैमरों की फुटेज की जांच के बाद उत्तरी दिल्ली पुलिस ने जहरखुरानी गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस के मुताबिक यह लोग सबसे पहले टारगेट सेट करते और फिर उसके आसपास खुशी मनाते हुए लोगों को लड्डू बांटने लगते. मौका देखकर बेहद शातिर आने तरीके से ये अपने शिकार को लोगों के बीच में नशे वाला लड्डू खिला देते. जैसे ही शिकार पर नशे वाले लड्डू का असर होता उसका सारा सामान लेकर फरार हो जाते. पकड़ में आए आरोपियों के नाम कमल सिंह उर्फ लंगड़ा, पवन उर्फ टेढ़ा और गौरव उर्फ हड्डी है. इन तीनों ने जानबूझकर अपने कोड नेम लगा रखे थे.
लड्डू खिलाकर करते थे बेहोश
23 अक्टूबर को ईश्वर दिन मिश्रा नाम के एक शख्स ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दी कि वह 23 सीलिंग फैन, और कुछ कॉपर वायर को लेकर गुलाबी बाग के रास्ते नजफगढ़ जा रहे थे. तभी रास्ते में अचानक वह बेहोश होने लगे और जब उन्हें होश आया तो उन्होंने देखा कि उनका सारा सामान गायब था. पुलिस ने जब ईश्वर दिन से पूरी जानकारी ली तो पता लगा कि रास्ते में कुछ लोग लड्डू बांट रहे थे और उन्होंने भी एक लड्डू खाया था जिसके कुछ देर बाद वह बेहोश हो गए.
100 सीसीटीवी खंगाले
इस शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने एफ आई आर दर्ज कर ली और जांच शुरू कर दी. जांच शुरू करते ही पुलिस को इस बात का अंदाजा था कि वारदात के पीछे कहीं न कहीं जहरखुरानी गैंग का हाथ हो सकता है, इसलिए पुलिस ने वारदात वाली जगह के आसपास के इलाकों के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच शुरू की. करीब 100 कैमरों की जांच के बाद पुलिस को एक सीसीटीवी कैमरे में 2 लोग सामान ले जाते हुए नजर आए. फिर पुलिस ने उनमें से एक की पहचान की और उसे गिरफ्तार कर लिया से पूछताछ के बाद पुलिस ने दो और आरोपियों के बारे में पता किया और उन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया.
लंगड़ा, टेढ़ा और हड्डी ने मिलकर दिया अंजाम
पकड़ में आए आरोपियों के नाम कमल सिंह उर्फ लंगड़ा, पवन उर्फ टेढ़ा और गौरव उर्फ हड्डी है. पुलिस के मुताबिक कमल सिंह उर्फ लंगड़ा के खिलाफ अलग-अलग थानों में 18 मामले दर्ज है. जबकि पवन और खेड़ा के खिलाफ आपराधिक मामले दिल्ली के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं. और गौरव हड्डी के खिलाफ 7 मामले दर्ज है. पुलिस के मुताबिक इन तीनों में एक बात कॉमन है और वह है कि इन तीनों को जुए की लत है और ड्रग्स के आदि हैं. ये तीनों शिकार की तलाश में सुबह ही निकल लेते यह उसे टारगेट करते जिसके पास कीमती सामान होता या फिर बैग होता. फिर यह लोग लड्डू खरीदकर उसमें नशीली दवा मिला देते. डिब्बे के अंदर नशे के लड्डू रखते तो उसके नीचे कागज रख देते ताकि वह लड्डू अलग से पहचान में आ जाए और फिर तीनों पब्लिक में ही खुशी मनाने लगते. आते जाते लोगों को लड्डू खिलाने लगते और जब शिकार उनकी बगल से गुजरता तो वह उसे नशे वाला लड्डू पकड़ा देते और फिर उसका तब तक पीछा करते जब तक वह बेहोश ना हो जाता. फिलहाल पुलिस उस शख्स की तलाश में है जो इनसे चोरी के सामान खरीदा था इसके अलावा पुलिस ने उस दुकानदार की पहचान भी कर ली है जो इन्हें बिना प्रिसक्रिप्शन नशे की दवा दिया करता था.
रिपोर्ट: हिमांशु