Skiing in Saree: मिलिए दिव्या मैया से जो साड़ी पहनकर करती हैं स्कीइंग, Saree Super Woman मिला है नाम

साड़ी के प्रति अपने प्रेम को एक महिला ने ऐसे बदला कि वो उसकी पहचान हो गई. अमेरिका की रहने दिव्या मैया साड़ी में स्कीइंग करती हैं. उनके वीडियो इंटरनेट पर काफी वायरल होते हैं. दिव्या चाहती हैं कि उनके वीडियो देखकर अन्य महिलाएं सशक्त हों और आगे बढ़ें.

Divya Maiya
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2023,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

रोमांच के प्रति उनके प्रेम और कुछ अनोखा करने की चाहत ने दिव्या मैया को साड़ी में स्कीइंग (skiing in saree) करने का मौका दिया. ये बात है 10 साल पहले की. आज वो इसकी प्रैक्टिस न केवल साड़ी में, बल्कि स्कर्ट, सूट और लहंगा पहनकर भी स्कीइंग करती हैं. दिव्या अपने इन वीडियोज की वजह से इंटरनेट पर किसी सेलेब्रिटी से कम नहीं हैं. उनके वीडियो काफी वायरल हो रहे हैं. दिव्या अमेरिका में रहती हैं. दिव्या ने कहा कि वो खुश हैं कि उनके वीडियो देखकर अन्य महिलाएं सशक्त हो रही हैं."

कहां से जगा साड़ियों के प्रति प्रेम? 
दिव्या ने साड़ियों के लिए अपने प्यार का इजहार करते हुए कहा, “मुझे साड़ियां बहुत पसंद हैं. मैं अपनी मां को साड़ी पहने हुए देखते हुए बड़ी हुई हूं और मैं वाकई इससे बहुत प्रभावित हूं. यह कपड़ों का एक टुकड़ा है जो मेरे लिए बहुत मायने रखता है. दिव्य ने कहा,'' यह मैं हूं, और साड़ी पहनने और व्यापक मंच पर उस परंपरा और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करना मेरी पसंद है.'' परिधान की अपनी पसंद के बावजूद दिव्या स्कीइंग करते समय हेलमेट, दस्ताने और नीचे गर्म कपड़े जैसे सुरक्षा गियर पहनना कभी नहीं भूलती. 

दिव्या ने द इंडियन एक्प्रेस के हवाले से बताया कि उनका प्रयास इस विचार को प्रचारित करना बिल्कुल भी नहीं है कि साड़ी स्कीइंग के लिए आदर्श पोशाक है. दिव्या ने कहा, "मैं इसे स्टाइल के एक स्टेटमेंट के तौर पर देखती हूं. आपको बहुत सारे दक्षिण एशियाई और भारतीय ऐसा करते नहीं दिखेंगे जो स्कीइंग जैसे चुनौतीपूर्ण खेल को साड़ी में करने की चुनौती लेते हों. मैं वास्तव में उन्हें इस खेल को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता हूं क्योंकि हम हर जगह प्रतिनिधित्व चाहते हैं. विविधता वास्तव में मायने रखती है, खासकर युवा पीढ़ी के लिए. रोल मॉडल एक बड़ी भूमिका निभाते हैं.”

कैसे शुरू हुई जर्नी
दिव्या ने बताया कि स्कीइंग की शुरुआत उन्होंने बस मनोरंजन के लिए की थी. दिव्या ने कहा, "जब मैंने पहली बार स्कीइंग शुरू की, तो यह चुनौतीपूर्ण था. एक वयस्क के रूप में इस खेल को चुनना कोई आसान बात नहीं है. मैं भी शुरुआत में खूब गिरती थी. लेकिन मैंने इसे एक समूह के हिस्से के रूप में, अपने साथी के साथ और अपने दोस्तों के साथ किया. इसलिए, यह अच्छा था कि हम में से बहुत से लोग एक ही अनुभव से गुजर रहे थे.”

दिव्या ने बताया कि कुछ भी नया सीखने के लिए बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि मैंने ऐसा किया क्योंकि मैं अब इसका पूरा आनंद ले रही हूं. इसे सीखने के बाद यह बहुत आसान हो जाता है. यह बहुत मजेदार है. आप वास्तव में बड़े पहाड़ों पर चढ़ते हैं और आप नीचे आते हैं जैसे कि आप हवा में उड़ रहे हों. एड्रेनालाईन और गति शानदार हैं.

खत्म करना चाहती हैं डर
दिव्या प्रैक्टिस करने के लिए हर मौसम में कम से कम आठ से नौ बार ढलानों पर स्कीइंग करती हैं. दिव्या ने कहा, "हर साल, यह सीखने का अनुभव होता है और हम इसमें बेहतर होते जाते हैं." दिव्या का कहना है कि स्कीइंग को लेकर लोगों में काफी डर है और मैं उस बाधा को तोड़ना चाहती हूं. स्कीइंग सभी के लिए है. मैंने दक्षिण एशियाई समुदाय में भी शीतकालीन खेलों के प्रति जागरूकता लाने के लिए ऐसा करने का फैसला किया है.

 

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