घर का खाना नहीं था पसंद...भूख लगने पर खाती थी बर्गर, पिज्जा, चाऊमीन, आंत में फास्ट फूड जमा होने से हुई मौत

बताया जा रहा है छात्रा रोजाना बर्गर पिज्जा और चाऊमीन खाने का शौक फरमाती थी जिससे छात्रा की आंत में फास्ट फूड जमा हो गया और एसेंस की वजह से आंत चिपक गई जिससे आंत बर्स्ट हो गई.

फास्ट फूड खाने से छात्रा की मौत
gnttv.com
  • अमरोहा,
  • 24 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:29 PM IST
  • बर्गर, पिज्जा, चाऊमीन खाने की लत में छात्रा ने ऐसे गंवाई जान
  • पेट से 7 लीटर लिक्विड फॉर्म में कचरा निकला

उत्तर प्रदेश के अमरोहा से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां फास्ट फूड खाने की आदत ने 11वीं कक्षा की एक छात्रा की जिंदगी छीन ली. रोजाना पिज्जा, बर्गर और चाऊमीन खाने की शौकीन 16 साल छात्रा आहना की दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.

घर का खाना नहीं खाती थी आहना
मृतक छात्रा आहना अमरोहा कोतवाली क्षेत्र के अफगानान मोहल्ले की रहने वाली थी. वह हाशमी गर्ल्स इंटर कॉलेज में 11वीं की छात्रा थी. परिजनों के मुताबिक, आहना को घर का बना खाना बिल्कुल पसंद नहीं था. बचपन से ही उसे बाहर मिलने वाले 5 और 10 रुपए के पैक्ड फूड, चिप्स, चाऊमीन, बर्गर और पिज्जा खाने की आदत लग गई थी. भूख लगते ही वह घर के आसपास की दुकानों से फास्ट फूड लेकर खा लेती थी.

फास्ट फूड खाने से आंतों में जमा हो गया था कैमिकल
बताया जा रहा है कि लगातार फास्ट फूड खाने से उसकी आंतों में मैटीरियल जमा होने लगा. इनमें मौजूद एसेंस और केमिकल्स के कारण आंतें आपस में चिपक गईं. कुछ समय बाद आहना को तेज पेट दर्द रहने लगा. शुरुआत में परिजनों ने स्थानीय डॉक्टरों से इलाज कराया, लेकिन आराम नहीं मिला. हालत बिगड़ने पर उसे मुरादाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे दिल्ली के लिए रेफर कर दिया.

पेट से 7 लीटर लिक्विड फॉर्म में कचरा निकला
दिल्ली के अस्पताल में जब जांच हुई तो अल्ट्रासाउंड में पेट के अंदर भारी मात्रा में लिक्विड और गंदगी जमा होने का पता चला. ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर भी हैरान रह गए, जब छात्रा के पेट से करीब 7 लीटर लिक्विड फॉर्म में कचरा निकला. हालांकि, इतनी कोशिशों के बावजूद आहना को बचाया नहीं जा सका और इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.

आहना की मौत के बाद इलाके में फास्ट फूड को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. परिजन जंक फूड को जहर बता रहे हैं और सस्ते पैक्ड फूड के कारोबार पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि बच्चों को लुभाने वाले ये सस्ते खाने के पैकेट धीरे-धीरे जानलेवा बनते जा रहे हैं.

-बी एस आर्य की रिपोर्ट

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