घर के आंगन या बालकनी में लगा अपराजिता का पौधा जब नीले और सफेद फूलों से भर जाता है, तो उसकी खूबसूरती देखते ही बनती है. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पौधा हरा-भरा तो रहता है, पत्तियां भी ठीक दिखती हैं, मगर फूल गिने-चुने ही आते हैं. ऐसी स्थिति में लोग बाजार से महंगी खाद या केमिकल खरीदकर डालने लगते हैं.
हालांकि, बहुत कम लोगों को पता है कि घर की रसोई में रोज निकलने वाली चायपत्ती इस समस्या का आसान समाधान बन सकती है. चाय बनाने के बाद बची हुई चायपत्ती को आमतौर पर कचरे में फेंक दिया जाता है, लेकिन यही चायपत्ती अपराजिता के पौधे में फ्लावरिंग बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है. यह पौधे को प्राकृतिक पोषण देती है और फूलों की संख्या बढ़ाने में मदद करती है.
अपराजिता में फूल बढ़ाने का आसान तरीका
अपराजिता ऐसा पौधा है जिसे ज्यादा देखभाल या केमिकल की जरूरत नहीं होती. अगर इसे पर्याप्त धूप, सही मात्रा में पानी और हल्का-सा पोषण मिल जाए, तो यह तेजी से बढ़ता है. इसी पोषण की कमी को चायपत्ती प्राकृतिक तरीके से पूरा कर सकती है. चायपत्ती में मौजूद ऑर्गेनिक तत्व मिट्टी की गुणवत्ता सुधारते हैं. इसका सीधा असर फ्लावरिंग पर दिखाई देता है.
चायपत्ती का सही इस्तेमाल कैसे करें
चायपत्ती को सीधे गमले में डालना सही तरीका नहीं है. इसके लिए पहले इस्तेमाल की गई चायपत्ती को साफ पानी से अच्छी तरह धो लेना चाहिए, ताकि उसमें मिला दूध और चीनी पूरी तरह निकल जाए.
इसके बाद चायपत्ती को धूप में या खुली जगह पर अच्छी तरह सुखा लें. जब चायपत्ती पूरी तरह सूख जाए, तब इसे गमले की ऊपरी मिट्टी में हल्का-सा मिलाएं.
महीने में एक बार इसका इस्तेमाल काफी होता है. इससे मिट्टी नरम बनी रहती है और पौधे को धीरे-धीरे पोषण मिलता रहता है.
पौधों की देखभाल के लिए चायपत्ती क्यों है खास
चायपत्ती में मौजूद प्राकृतिक तत्व मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म जीवों को सक्रिय करते हैं, जो पौधों के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं. यह केमिकल खाद की तरह तुरंत असर नहीं करती, लेकिन इसका फायदा लंबे समय तक बना रहता है.
एक्स्ट्रा केयर टिप्स
सर्दियों में पौधों को रोज सुबह की हल्की धूप जरूर दें.
जरूरत से ज्यादा पानी न दें, मिट्टी सूखने पर ही सिंचाई करें.
पौधों को ठंडी हवा और पाले से बचाने के लिए रात में ढकी या सुरक्षित जगह रखें.
महीने में एक बार हल्की जैविक खाद या कम्पोस्ट डालें.
सूखी और पीली पत्तियों को समय-समय पर हटाते रहें.