आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस की जगह काम आया रिक्शा, गर्भवती महिला को पहुंचाया अस्पताल.. सरकार के दावे निकले खोखले

राजस्थान के बाड़मेर में एंबुलेंस को कॉल करने के बाद न आने पर एक पति को मजबूरन अपनी गर्भवती पत्नी को प्रसव पीड़ा में रिक्शे के उपर डाल अस्पताल ले जाना पड़ा.

gnttv.com
  • बाड़मेर,
  • 18 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:52 AM IST

राजस्थान के बाड़मेर में एक ऐसा मामला सामने आया जहां एंबुलेंस नहीं पहुंची तो गर्भवती को साइकिल रिक्शे में डालकर, उसका पति और सास अस्पताल लेकर पहुंचे. इस मामले के बाद सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठ रहे हैं. साथ ही सरकार की भी खूब किरकिरी हो रही है.

दावे केवल कागज़ों पर
सरकार के बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे केवल कागजों में ही नजर आते हैं. धरातल पर गरीब, मजलूम लोगों का कोई नहीं हैं. यह बात तब साबित हुई जब राजस्थान के बाड़मेर में एक मजबूर पति अपनी गर्भवती पत्नी को तिपहिया साइकिल रिक्शा में लेकर अस्पताल पहुंचा. 

जब चढ़ाई वाला रास्ता आया उस दौरान साइकिल रिक्शा को उसकी मां ने धक्का लगाया और जैसे -तैसे कर बहु को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचाया. पूरा घटनाक्रम किसी गांव या ढाणी का नहीं बल्कि, बाड़मेर जिला मुख्यालय के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल का है.

वायरल हो रहा वीडियो
सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होते ही लोग राजस्थान की भजनलाल सरकार की जमकर किरकिरी कर रहे हैं. आरोप है कि पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर पति ने एंबुलेंस को कॉल किया था. लेकिन, एंबुलेंस नहीं पहुंची. ऐसे में पति अपनी दर्द से कराहती हुई पत्नी को तिपहिया साइकिल रिक्शे में डालकर अस्पताल ले लिए रवाना हो गया. जहां कहीं चढ़ाई आई तो सास ने रिक्शे को पीछे से धक्का लगाकर आगे बढ़ाया.

सामने आया वीडियो भी
घटना का एक वीडियो भी सामने आया हैं. जिसमें साइकिल रिक्शा में पत्नी दर्द से कराह रही है और पति साइकिल रिक्शा चला रहा है. वहीं उसकी सास अस्पताल परिसर के चढ़ाई वाले रास्ते पर साइकिल रिक्शा को धक्का लगाते हुए भी नजर आ रही है. दरसअल, पूरा घटनाक्रम बुधवार दोपहर करीब 2 बजे का है. जब अपनी मां के साथ बेटा अपनी गर्भवती पत्नी को साइकिल रिक्शा पर लेकर बाड़मेर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचा. इसके एक घंटे बाद करीब 3 बजे उसकी पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया.

पति ने क्या कुछ कहा
25 वर्षीय गर्भवती के पति विक्रम ने बताया कि वह बालाजी फॉर्म हाउस के पास स्थित एक झुग्गी झोपड़ी में रहता है. दोपहर को उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने लगी. पहले एंबुलेंस को कॉल किया. लेकिन, जब एंबुलेंस काफी देर तक नहीं पहुंची तो अपनी रिक्शा साइकिल पर पत्नी को लिटाकर अस्पताल के लिए रवाना हुआ. नेहरू नगर के ओवर ब्रिज से होते हुए अस्पताल पहुंचा. 

एम्बुलेंस का इंतजार किया, नहीं पहुंची एंबुलेंस
विक्रम ने बताया कि एंबुलेंस का काफी देर तक इंतजार किया. लेकिन, जब एंबुलेंस नहीं पहुंची तो साइकिल रिक्शा पर अस्पताल ले जाने का फैसला लेना पड़ा, क्योंकि पत्नी दर्द से कराह रही थी. फिर मां के साथ पत्नी को साइकिल रिक्शा पर लिटाकर अस्पताल ले लिए रवाना हो गया.

CMHO ने दिए जांच के आदेश
पूरे घटनाक्रम को लेकर बाड़मेर CMHO डॉ. विष्णुराम विश्नोई का कहना है कि एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची. ऐसी बात सामने आने पर हमने जांच के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही हमने कंपनी को नोटिस भी जारी किया है. आखिर, लापरवाही कहां रही, ये जांच के बाद ही साफ हो पाएगा.

-दिनेश बोहरा की रिपोर्ट

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