जयपुर के चिड़ियाघर में एक मादा शुतुरमुर्ग ने एक स्वस्थ चूजे को जन्म दिया है, जिसके बाद वाइल्डलाइफ प्रेमियों और चिड़ियाघर प्रशासन में खुशी का माहौल है. दावा किया जा रहा है कि राजस्थान में शुतुरमुर्ग की यह पहली सफल कैप्टिव ब्रीडिंग है, इससे पहले शुतुरमुर्ग की कैप्टिव ब्रीडिंग कभी भी सफल नहीं हुई थी.
चूजे को जन्म देने वाली मादा शुतुरमुर्ग का नाम अवंतिका है, जिसने बीते 13 जनवरी को कुल 11 अंडे दिए थे. चिड़ियाघर प्रशासन के साथ-साथ वन्यजीव चिकित्सकों की कड़ी निगरानी और देखभाल के बाद अब उनमें से 1 अंडे से चूजा निकल आया है. शुतुरमुर्ग का यह बच्चा पूरी तरह स्वस्थ भी है, जिसे देखने के लिए वन्यजीव प्रेमी लगातार चिड़ियाघर पहुंच रहे हैं.
एसीएफ प्राची चौधरी ने बताया कि मादा शुतुरमुर्ग अवंतिका और उसके चूजे को अब विशेष निगरानी में रखा गया है. उनकी डाइट पर खास ध्यान दिया जा रहा है ताकि शुतुरमुर्ग का बच्चा पूरी तरह स्वस्थ और सुरक्षित रहे. इसके लिए हेल्दी खाना और 6 अनाज का दलिया दिया जा रहा है. साथ ही वन्यजीव विशेषज्ञ इस पर लगातार नजर बनाए हुए हैं ताकि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत सहायता दी जा सके.
वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अशोक तंवर ने बताया कि शुतुरमुर्ग की कैप्टिव ब्रीडिंग बेहद दुर्लभ होती है और इसके लिए विशेष माहौल और देखभाल की जरूरत होती है. उम्मीद है कि बाकी 10 अंडो में से भी चूजे निकले इसके लिए विशेष विशेषज्ञों की टीम लगातार अवंतिका का ख्याल रख रही है. साथ ही उसके चूजे पर नजर रख रही है. इसके लिए चिकित्सकीय जांच और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से उनके स्वास्थ्य और गतिविधियों की पूरी निगरानी की जा रही है.
दरअसल अवंतिका और मल्लिकार्जुन नाम के इस शुतुरमुर्ग के जोड़े को मार्च 2021 में चेन्नई के चिड़ियाघर से जयपुर लाया गया था. इसके बाद से चिड़ियाघर प्रशासन लगातार इनकी देखभाल कर रहा था, जिसका नतीजा है की अवंतिका और मल्लिकार्जुन माता-पिता बन चुके है, जिन्होंने देश-दुनियां में जयपुर चिड़ियाघर को एक अलग पहचान दिलाई है. अवंतिका का चूजा जयपुर चिड़ियाघर के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, इस सफलता से प्रदेश के वन्यजीव संरक्षण को नई दिशा मिलेगी.
-विशाल शर्मा की रिपोर्ट