भारत में 267 मिलियन लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. इंडिया तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक भी है. लेकिन इसी भारत का एक गांव ऐसा ही जो तंबाकू निषेध है. यानी यहां रहने वाला एक भी शख्स तंबाकू का सेवन नहीं करता है.
जम्मू कश्मीर का पहला तंबाकू निषेध गांव
कश्मीर का शेख बुंड गांव जम्मू कश्मीर का पहला तंबाकू निषेध गांव बन गया है. यह अनूठी उपलब्धि इस गांव के लोगों की बदौलत मिली है जिन्होंने तंबाकू से संबंधित उत्पादों का सेवन और बिक्री बंद करने का एकमत होकर फैसला किया है. यह गांव अनंतनाग जिले में स्थित है और पिछले तीन महीने में इस इलाके में तंबाकू की खपत और बिक्री लगभग जीरो हो गई है. गांव के हर चौक, चौराहे, दीवारों और दरवाजों पर तंबाकू निषेध के बैनर लगे हुए हैं.
तीन महीने में तंबाकू की खपत और बिक्री जीरो
शेख बुंड गांव के लोगों ने अपने गांव को नशा मुक्त करने की ठानी है और न सिर्फ ठानी है बल्कि कर भी दिखाया. पिछले तीन महीने में इस इलाके में तंबाकू की खपत और बिक्री लगभग जीरो हो गई है. गांव के दुकानदारों ने भी तंबाकू उत्पादों की बिक्री बंद कर दी है. गांव के लोगों ने एकजुट होकर अभियान छेड़ा है जैसे ही आप अनंतनाग के इस खूबसूरत गांव मं प्रवेश करते हैं, आपको हर जगह बैनर दिख जाएंगे जो गांव को तंबाकू निषेध क्षेत्र बता रहे हैं. यहां आने वालों से भी तंबाकू का सेवन ना करने की अपील की जा रही है.
युवाओं ने किया तंबाकू छोड़ने का फैसला
गांव के लोगों ने जब खुलेआम इसका ऐलान किया कि हम तंबाकू का सेवन छोड़ रहे हैं, तो इससे काफी सरहना मिली. इसके बाद स्थानीय दुकानदारों और युवाओं ने यह फैसला कर लिया कि वे अपने गांव में तंबाकू का सेवन और बिक्री नहीं होने देंगे.
लोगों को जागरूक कर रहा गांव
दक्षिण कश्मीर का यह गांव कई मायनों में एक मिसाल है. लोगों की एकजुटता और नशे के खिलाफ प्रतिबद्धता ने यह साबित कर दिया है कि अगर लोग खुद ठान लें तो तंबाकू पर रोक लगाना मुश्किल नहीं है. सरकार भी तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने की कोशिश करती है, लेकिन शेख बुंड के लोगों ने यह साबित कर दिया है कि सामूहिक प्रयासों से यह संभव है.