ठाठ हों तो ऐसे! इस गांव के बंदरों के नाम है 32 एकड़ जमीन...शादी समारोह में सबसे पहले इन्हें दिया जाता है गिफ्ट

एक ऐसे देश में जहां जमीन के लिए इंसानों में लड़ाई हो जाती है वहां अगर कोई बंदर के नाम जमीन करें तो क्या होगा. महाराष्ट्र में एक ऐसा गांव है जहां बंदरों के नाम 32 एकड़ जमीन है.

Land in the name of Monkey (Representative image)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 2:33 PM IST
  • रिकॉर्ड में है इस बात का प्रूफ
  • सबसे पहले मिलता है गिफ्ट

ऐसे समय में जब जमीन के लिए भाई-भाई का दुश्मन बन जाता है. जमीन को कीमती धन माना जाता है वहां किसी जानवर के नाम जमीन होना थोड़ा अजीब लगा ना? जी हां, हमें भी लगा. महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के एक गांव में बंदरों को 32 एकड़ जमीन बंदरों के नाम है. ये उन्हें सम्मान देने के रूप में देखा जाता है. गांव लगभग 100 बंदरों का घर है. हालांकि उनकी संख्या पिछले कुछ वर्षों में घट गई है क्योंकि जानवर लंबे समय तक एक ही स्थान पर नहीं रहते हैं.

रिकॉर्ड में है इस बात का प्रूफ
उस्मानाबाद के उपला गांव के लोग सिमियन निवासियों का बहुत आदर करते हैं और कभी-कभी शादियों में उनका सम्मान भी करते हैं. उपला ग्राम पंचायत के पास मिले लैंड रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से यह बात कही गई है कि 32 एकड़ भूमि गांव में रहने वाले सभी बंदरों के नाम है. गांव के सरपंच (प्रमुख) बप्पा पड़वाल ने पीटीआई को बताया, 'दस्तावेजों में साफ तौर पर कहा गया है कि जमीन बंदरों की है, लेकिन यह पता नहीं है कि जानवरों के लिए यह प्रावधान किसने और कब किया. उन्होंने कहा कि अतीत में, बंदर गांव में किए जाने वाले सभी अनुष्ठानों का हिस्सा थे.

सबसे पहले मिलता है गिफ्ट
उन्होंने बताया कि उस भूमि पर वन विभाग ने वृक्षारोपण का काम किया है और प्लाट पर एक छोड़ा हुआ घर भी था, जो अब ढह गया है. सरपंच ने कहा, "पहले, जब भी गांव में शादियां होती थीं, तो बंदरों को पहले उपहार दिया जाता था और उसके बाद ही समारोह शुरू होता था. अब हर कोई इस प्रथा का पालन नहीं करता है." अगर कोई बंदर किसी के दरवाजे पर आता है तो ग्रामीण बंदरों को खाना खिलाते हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी उन्हें खाने से मना नहीं करता है.

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