मैंगो लवर्स के लिए अच्छी खबर, Alphonso के नाम पर कोई दूसरा आम नहीं खिला पाएंगे दुकानदार, आम पर लगेगा यूआईडी स्टीकर

देवगढ़ के हाफूस या अल्फांसो आम पर यूआईडी स्टीकर लगेगा जिससे उसकी ओरिजिनेलिटी का पता चल जाएगा. गर्मी का मौसम आते ही जिस फल का सबसे ज्यादा इंतजार रहता है, वो आम ही है.

अल्फोंसो आम
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 4:04 PM IST
  • नकली आमों की बिक्री पर अंकुश
  • हाफूस आम पर अब यूआईडी स्टीकर लगेगा

गर्मी के इस मौसम में आम की बहार आने वाली है. कुछ ही दिनों के बाद बाजार में अलग-अलग तरह के आम मिलने शुरू हो जाएंगे, लेकिन उससे पहले देवगढ़ के हाफूस आम की प्रामाणिकता को बचाने के लिए विशेष फैसला लिया गया है.

देवगढ़ के हाफूस या अल्फांसो आम पर यूआईडी स्टीकर लगेगा जिससे उसकी ओरिजिनेलिटी का पता चल जाएगा. गर्मी का मौसम आते ही जिस फल का सबसे ज्यादा इंतजार रहता है, वो आम ही है. अलग-अलग तरह के रसीले आम बाजारों की रौनक बढ़ाते हैं. मालदा हो, चौसा हो, लंगड़ा हो या फिर तसहरिया, हर तरह का आम लोगों को पसंद आता है.

धोखे के शिकार हो जाते हैं मैंगो लवर्स
इन्हीं में से एक आम है देवगढ़ का अल्फांसो यानी हाफूस, जो अपने रस, स्वाद और खुशबू के लिए मशहूर है. हालांकि, अक्सर पहचान ना होने की वजह से लोग धोखे का शिकार हो जाते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि देवगढ़ हपोस आम की प्रामाणिकता की सुरक्षा की जा सकेगी. अब देवगढ़, अल्फांसो या देवगढ़ हाफूस आम पर एक टीपीसीएल स्टीकर होगा, जो इस बात का सबूत होगा कि आम असल में देवगढ़ का अल्फांसो या हाफूस आम है.

कस्टमर्स के साथ जालसाजी रोकने के लिए उठाया गया कदम
देवगढ़ तालुका मैंगो ग्रोवर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ने इस यूआईडी सील प्रणाली को शुरू किया है. आम के सीज़न में बड़े-बड़े शहरों में सभी जगह देवगढ़ आम के बोर्ड्स लगते हैं. अभी कोई भी देवगढ़ के नाम पर आम बेच रहा है, कस्टमर के साथ जो ये जालसाजी हो रही है, उसे रोकने के लिए देवगढ़ तालुका उत्पादक सरकारी संस्था ने ये यूआईडी प्रोजेक्ट शुरू किया है.

प्रीमियम कीमत पर बिकते हैं हाफूस आम
इस पहल का उद्देश्य नकली आमों की बिक्री पर अंकुश लगाना और यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ताओं को केवल प्रमाणित देवगढ़ अल्फांसो आम ही मिले. सिंधुदुर्ग जिले के देवगढ़ तालुका में उगाए जाने वाले हाफूस आम अपनी सुगंध और बेहतरीन स्वाद के लिए जाने जाते हैं, जो बाजार में प्रीमियम कीमत पर बिकते हैं.

किसानों को मिलने लगेंगे कोड
अब तक लगभग 600 फार्मर्स रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 308 फार्मर्स को ये कोड इश्यू हो चुके हैं. बाकी लोगों का भी आ रहे हैं क्योंकि अभी हार्वेस्टिंग शुरू नहीं हुई है. जैसे ही हार्वेस्टिंग शुरू हो जाएगी, फार्मर्स को कोड मिल जाएगा. आम व्यापारियों को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. इससे न केवल किसानों और यूआईडी बनाने वाली कंपनियों का फायदा होगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी असली देवगढ़ आम मिलेगा.

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