एक समय था जब राजा-रजवाड़ों में घोड़ा प्रेम बहुत आम था. आज भी कुछ घोड़ा प्रेमी इस शौक को बरकरार रखते हैं. ऐसा ही एक घोड़ा प्रेमी जामनगर में है. चरणजीत सिंह नाम के एक घोड़ा प्रेमी के पास केसरिया नाम का घोड़ा है. इस घोड़े की खूबसूरती की चर्चा देश-विदेश में होती है. हर साल राजस्थान में लगने वाले पुष्कर मेले में हर किसी की जुबान पर जामनगर के केसरिया घोड़े की ही चर्चा होती है. इस साल भी केसरिया घोड़े को पुष्कर मेले में प्रदर्शन के लिए रखा गया है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं.
एक विदेशी ने 10 करोड़ में घोड़ा खरीदने की पेशकश की
राजस्थान के पुष्कर मेले में जानवरों का व्यापार किया जाता है. इस मेले में घोड़े, गाय, बैल आते हैं. फ्रांस, अमेरिका, लंदन सहित पूरे देश से लोग इस पुष्कर मेले को देखने के लिए विशेष रूप से आते हैं. इस मेले में हर साल घोड़ों की दौड़ भी आयोजित की जाती है इसलिए कुछ घोड़ों को केवल प्रदर्शन के लिए रखा जाता है. ऐसा ही एक घोड़ा केसरिया भी इस बार प्रदर्शन के लिए रखा गया. इसका भगवा रंग देखकर पर्यटक काफी आकर्षित होते हैं. फ्रांस के पेरिस से आए एक विदेशी पर्यटक ने केसरिया को खरीदने के लिए 10 करोड़ रुपये की पेशकश भी की, लेकिन केसरिया के मालिक चरणजीत सिंह ने मुस्कुराते हुए इस ऑफर को ठुकरा दिया. हालांकि, केसरिया के बछेरे (घोड़े का बच्चा) को 51 लाख में खरीदा गया था.
केसरिया की खासियत क्या है?
केसरियो एक मारवाड़ी घोड़ा है. इस प्रकार के घोड़े अधिकतर मारवाड़ क्षेत्र में ही पाए जाते हैं. इतना ही नहीं, राजा रजवाड़े के समय में मारवाड़ी घोड़े ज्यादातर युद्धों और लड़ाइयों के दौरान रखे जाते थे. मारवाड़ी घोड़ों की खासियत यह है कि ये घोड़े अन्य घोड़ों की तुलना में दौड़ने में तेज़ होते हैं और रेगिस्तानी इलाके में आसानी से दौड़ सकते हैं.
केसरिया के मालिक कौन है?
केसरिया के मालिक चरणजीत सिंह महदू हैं जो जामनगर के लोठिया गांव में रहते हैं. चूंकि उन्हें घोड़ों से बहुत प्यार है इसलिए घोड़ों के लिए एक खास फार्महाउस भी बनाया गया है. चरणजीत सिंह के पास केसरिया समेत करीब 10 से 12 घोड़े हैं. वह पिछले 12 वर्षों से घोड़ों का प्रजनन भी कर रहे हैं. चरणजीत सिंह का कहना है कि केसरियो अपनी खूबसूरती के कारण काफी चर्चा में रहता है.
(दर्शन ठक्कर की रिपोर्ट)