जहां एक तरफ बारिश से मौसम सुहाना हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ बारिश के पानी से मच्छरों के प्रजनन की संभावना बढ़ती जा रही है. जिससे लार्वा पैदा होगा. और लोग डेंगू, मलेरिया के शिकार होंगे. आमतौर पर लोग अपने घरों में मच्छर से बचाव से उपाय कर लेते है, लेकिन किसी पब्लिक प्लेस में उनके लिए ऐसा कर पाना मुश्किल हो जाता है. इसलिए इसी कड़ी में रेलवे के जरिए दिल्ली में मच्छरों पर काबू पाने का अभियान शुरू किया गया है. लेकिन रेलवे की मदद से कैसे मच्छरों पर काबू पाया जाएगा. यह दिलचस्प बात है.
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने शुक्रवार को उत्तर रेलवे की मदद से राजधानी में मच्छरों की संख्या को कम करने का काम शुरू किया है. इसके लिए मेयर राजा इकबाल सिंह द्वारा एक खास ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई, जिसका नाम 'मॉस्कीटो टर्मिनेटर ट्रेन' रखा गया है.
क्यों पड़ी खास ट्रेन की जरूरत
आमतौर पर दिल्ली में भारी संख्या में लोग रेलवे से सफर करते हैं. ऐसे में जब बारिश का पानी पटरियों के इर्द-गिर्द जमा हो जाता है, तो लार्वा के पैदा होने की संभावना काफी बढ़ जाती है. जिससे मच्छर जनित बीमारियां पैदा होती है. और पटरियों के पास आस-पास खड़े लोगों को मच्छर काट लेते हैं और वे डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारी के शिकार हो जाते है.
कैसे कम होंगे मच्छर
दरअसल जिस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई है वह रेलवे ट्रैक के 50-60 मीटर के दायरे में एंटी-लार्वा दवाइयों का छिड़काव करती हुई जाएगी. जिससे मच्छर जनित बीमारियां पैदा होने का खतरा कम होगा. इस खास ट्रेन के वैगन के उपर एक पावरफुल स्प्रेयर लगाया गया है. जो दवा का छिड़काव करता हुआ जाता है.
क्या कहना है मेयर का
मेयर राजा इकबाल सिंह का कहना है कि एमसीडी जनता के स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से समर्पित है. इसलिए उसकी ड्यूटी बनती है कि वह इस बात का ध्यान रखे कि लोग मच्छर जनित बीमारी से ग्रस्त न हों. उन्होंने इस ट्रेन को परेशानी से लड़ने का न केवल एक जरिया बताया बल्कि कहा कि यह लोगों के लिए एक ढाल है, जिससे उन जगहों पर स्प्रे किया जा सकता है, जहां मैनुअली स्प्रे करना थोड़ा मुश्किल है.