महाराष्ट्र कैडर की IPS अधिकारी अंजना कृष्णा वी. एस. काफी चर्चा में हैं. वह तब सुर्खियों में आईं जब उन्हें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कथित अवैध खनन मामले में कार्रवाई के दौरान फोन पर “फटकार” लगाई. हालांकि, अंजना ने इसे काफी सहज तरीके से हैंडिल किया और अब हर तरफ उनकी तारीफ हो रही है.
अंजना का जन्म और पालन-पोषण केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के विलावूरकल पंचायत क्षेत्र में हुआ. उनका घर मुक्कुन्निमला से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है. यह एक ऐसा इलाका है जो अवैध ग्रेनाइट खनन के लिए कुख्यात रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अंजना ने बचपन से ही इन समस्याओं को देखा है. मुक्कुन्निमला में अवैध खनन वर्षों से होता आ रहा था. वह इन्हीं हालातों में पली-बढ़ी हैं.
अपने इलाके की पहली IPS अधिकारी
अंजना कृष्णा विलावूरकल पंचायत से पहली आईपीएस अधिकारी हैं. उनके पिता, वीआर विजु हॉलो ब्रिक्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चलाते हैं. उनकी मां सीना तिरुवनंतपुरम की जिला अदालत में अपर डिवीजन क्लर्क हैं, जबकि उनका छोटा भाई अर्जुन कृष्णा मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है. विजु ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “अंजना हमारे इलाके की पहली सफल सिविल सेवा उम्मीदवार हैं. वह बहुत साहसी, ईमानदार और सीधी-सादी हैं. वह कभी किसी को बिना वजह परेशानी नहीं करती.”
अजित पवार से विवाद के बाद भी शांत
हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें अजित पवार ने अंजना को एक स्थानीय एनसीपी कार्यकर्ता के फोन पर कॉल किया, जब वह सोलापुर के कुर्दु गांव में अवैध मुर्रम मिट्टी की खुदाई की जांच कर रही थीं. पवार ने फोन पर कहा, “सुनो, मैं डिप्टी सीएम बोल रहा हूं और आपको आदेश देता हूं कि काम रुकवाओ.” अंजना ने उनकी आवाज़ नहीं पहचानी और उनसे कहा, “अगर आप डिप्टी सीएम हैं, तो कृपया मेरे मोबाइल पर कॉल करें. इसका क्या सबूत है कि आप ही बोल रहे हैं?” इस घटना के बाद भी अंजना बेहद शांत रहीं.
आईपीएस बनने का सपना और संघर्ष
अंजना कृष्णा का सपना शुरू से ही आईपीएस अधिकारी बनने का था. शुरुआत में उनके पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर बनें, लेकिन कॉलेज के दिनों में जब अंजना ने अपना सपना बताया, तो परिवार ने उनका पूरा साथ दिया. उन्होंने तिरुवनंतपुरम के एनएसएस कॉलेज, नीरामंकारा से गणित में ग्रेजुएशन की डिग्री ली. इसके बाद उन्होंने पीजी कोर्स नहीं किया और सीधे यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. इसके लिए वह तिरुवनंतपुरम के कोचिंग सेंटर में शामिल हुईं.
चौथे प्रयास में मिली सफलता
यूपीएससी की राह उनके लिए आसान नहीं रही. पहले तीन प्रयासों में वह प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाईं. साल 2022 में चौथे प्रयास में 2022 में सफलता मिली और उन्होंने 355वां रैंक हासिल किया. विजु बताते हैं, “तीन बार असफल होने के बाद भी अंजना कभी निराश नहीं हुईं. हमें बस उन पर विश्वास था.” तीसरी असफलता के बाद उनके पिता ने उन्हें रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) की क्लर्क परीक्षा देने के लिए कहा. उन्होंने परीक्षा पास कर ली, लेकिन नौकरी जॉइन करने से पहले ही उनका यूपीएससी रिजल्ट आया और वह आईपीएस अधिकारी बन गईं.
पढ़ाई और करियर का संतुलन
आईपीएस बनने के बाद अंजना ने इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) से क्रिमिनोलॉजी में पोस्टग्रेजुएशन शुरू किया. यूपीएससी की तैयारी के दौरान वह एक मलयालम डेली में छह महीने तक इंटर्न भी रहीं. अंजना कृष्णा की कहानी बताती है कि मेहनत, साहस और ईमानदारी से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. उन्होंने साधारण परिवार से निकलकर कठिन परिस्थितियों को पार करते हुए न केवल अपना सपना पूरा किया, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा बन गईं
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