दिल्ली का चितरंजन पार्क (सीआर पार्क) जिसे लोग मिनी बंगाल के नाम से भी जानते हैं, हर साल नवरात्रों में भव्य दुर्गा पूजा पंडालों और पूजा समितियों की वजह से सुर्खियों में रहता है. इस बार भी यहां दुर्गा पूजा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. जगह-जगह पंडालों का निर्माण हो रहा है, लेकिन सबसे खास पंडाल आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है.
सीआर पार्क के कोऑपरेटिव ग्राउंड दुर्गा पूजा समिति (The Co-Operative Ground Durga Puja Samity) इस वर्ष अपनी 50वीं वर्षगांठ यानी गोल्डन जुबली मना रही है. इस मौके को यादगार बनाने के लिए समिति ने एक अनोखा थीम चुना है- राजस्थान का जैसलमेर किला. जी हां, इस बार सीआर पार्क में पूजा पंडाल सोने जैसे चमकते जैसलमेर किले की झलक पेश करेगा.
जैसलमेर किला क्यों है खास?
राजस्थान का जैसलमेर किला सिर्फ स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना ही नहीं, बल्कि इसे विश्व का पहला जीवित किला (Living Fort) भी कहा जाता है, क्योंकि आज भी यहां लोग रहते हैं. इसके अलावा इस किले को ‘स्वर्ण किला’ या ‘सोना किला’ भी कहा जाता है. यही कारण है कि पूजा समिति ने अपनी गोल्डन जुबली को इस किले की थीम से जोड़ने का फैसला किया.
पूजा समिति का कहना है…
समिति की कोषाध्यक्ष लिपि चटर्जी ने बताया, “हमारी समिति का इस साल 50 वर्ष पूरा हो रहा है. इसे हम बड़े ही धूमधाम से मना रहे हैं. गोल्डन जुबली के मौके पर हमें गोल्डन किले से बेहतर थीम और क्या मिल सकता था? जैसलमेर किले की भव्यता और ऐतिहासिक महत्व हमारे पंडाल को विशेष बनाएंगे.”
वहीं समिति के अध्यक्ष सुमित मजूमदार ने कहा, “इस साल की हमारी पूजा पूरी तरह से इको-फ्रेंडली होगी. पंडाल निर्माण में थर्माकोल और प्लास्टिक का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं हो रहा है. मां दुर्गा की प्रतिमा भी पर्यावरण अनुकूल तरीके से बनाई जा रही है. यहां तक कि प्रसाद वितरण के लिए भी लकड़ी की प्लेटों का इस्तेमाल होगा.”
लाखों श्रद्धालु होंगे शामिल
सीआर पार्क की पूजा दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे एनसीआर के बंगाली समुदाय और अन्य धर्मावलंबियों के लिए एक बड़ा आकर्षण रहती है. यहां हर साल लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं. समिति को उम्मीद है कि इस बार गोल्डन जुबली के अवसर पर श्रद्धालुओं की संख्या और भी अधिक होगी.
भीड़ को संभालने और सुरक्षा के मद्देनजर व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं. समिति के सदस्यों ने बताया कि पुलिस और वॉलंटियर मिलकर ट्रैफिक और भीड़ प्रबंधन का ध्यान रखेंगे.
कब से कब तक होगी पूजा?
पूजा समिति की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं. बताया गया है कि पूजा की शुरुआत 27 सितंबर से होगी और यह 2 अक्टूबर (विजयदशमी) तक चलेगी.
जो लोग इस पूजा में पहुंचेंगे, उन्हें दिल्ली में रहकर भी राजस्थान के रेगिस्तानी किले की अनुभूति होगी. जैसलमेर किले की तरह सुनहरे रंग और स्थापत्य शैली के तत्व पंडाल में समाहित किए जा रहे हैं. शाम को रोशनी और सजावट के साथ यह पंडाल और भी जगमगाएगा.
सीआर पार्क की दुर्गा पूजा केवल धार्मिक आयोजन भर नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक महोत्सव भी बन चुका है. पंडाल में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे, जिनमें गीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुति शामिल होंगी.
(आशुतोष कुमार की रिपोर्ट)