माउंट एवरेस्ट जिसपर चढ़ने की इच्छा कई पर्वातारोही रखने हैं, लेकिन कई इस इच्छा को पूरा नहीं कर पाते हैं. तो वहीं कई ऐसे हैं जो माउंट एवरेस्ट पर चढ़ तो गए, लेकिन उन्हें पता होता है कि वहां की हवा कैसी होती तो वह पहले से ऑक्सीजन सिलेंडर साथ लेकर जाते हैं. तो कई ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपने इस सफर की शुरुआत तो की लेकिन इसे पूरा नहीं पाए.
8,849 मीटर यानि समुद्री लेवल से करीब 29 हजार फुट से ज्यादा की ऊंचाई पर चढ़ना कोई आसान काम नहीं. साथ ही इतनी ऊंचाई से नीचे आना भी सफर तो मुश्किल तो बनाता ही है. लेकिन 37 वर्षीय आंद्रेज बार्गीएल, ने एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है. वह ऐसे पहले शख्स है जो बिना किसी ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद से एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचे और उसके बाद वहां से स्कींग करते हुए नीचे आए.
माउंट एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचने वाले करीब 6000 लोग हैं. लेकिन इनमें से केवल 200 ही ऐसे हैं जो बिना ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद से चोटी तक पहुंच पाएं. लेकिन किसी में इतनी हिम्मत नहीं हो पाई कि वह स्की कर के एवरेस्ट से नीचे आ सके.
एवरेस्ट की चढ़ाई के दौरान 8000 मीटर पर 'डेथ जोन' का आगज़ हो जाता है. यानि की यहां हवा ऐसी हो जाती है कि आपके फेफड़ों को सांस लेना मुश्किल हो जाता है. और आप काफी हांफने लगते हैं. यानि आपके शरीर में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाती है. इसकी वजह से आपके लिए आगे कि चढ़ाई कर पाना मुश्किल हो जाता है और यही वजह है कि लोग अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आते हैं.
दरअसल अभी तक किसी ने भी स्की करके एवरेस्ट से नीचे उतरने की कोशिश नहीं की. असल में इतनी ऊंचाई से स्की करना, एक तरह से जान जोखिम में डालने के बराबर है. लेकिन इस तरह से आप एवरेस्ट से तेज़ रफ्तार के साथ नीचे उतर सकते हैं.
एक बार एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने के बाद आंद्रेज ने स्की ने जरिए नीचे आने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने एक दिन दोपहर करीब तीन बजे के करीब स्की करते हुए अपने दूसरे बेस कैंप, जो कि 6400 मीटर पर था, वहां पहुंचे. इसके बाद वहां रातभर आराम करने के बाद अगले दिन वह अपने बेस कैंप जो 5364 मीटर पर स्थित था वहां पहुंचे.
आंद्रेंज ने जो स्की करके नीचे आने का फैसला लिया, उस दौरान उन्होंने ऐसी परेशानियों का भी सामना किया, जो उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती थी. जहां आम तौर पर पर्वारोही एवरेस्ट की चढ़ाई वसंत के मौसम के करते हैं, ऐसे में अन्य लोगों की सहायता मिलने की संभावना रहती है.
वहीं आंद्रेज को इस चढ़ाई के दौरान बर्फीले तूफानों का सामना करना पड़ा. साथ ही वह 'डेथ जोन' वाले एरिया में करीब 16 घंटे तक फंसे रहे. वह कहते हैं कि इस जगह पर आने से पहले आपको अच्छी से तैयार होना चाहिए, क्योंकि यहां जान जाने का काफी खतरा होता है.
आंद्रेज बार्गीएल पोलैंड के एक फेमस स्की पर्वतारोही हैं. वे दुनिया भर में अपने अनोखे अभियानों के लिए जाने जाते हैं. उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्होंने K2 पर्वत (8,611 मीटर), जो दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत है. उस पर बिना ऑक्सीजन के चढ़ाई करने के बाद स्की से नीचे उतरने वाले पहले व्यक्ति बने.
यह ऐतिहासिक कारनामा उन्होंने जुलाई 2018 में किया था. बार्गीएल का जन्म 1988 में पोलैंड में हुआ. वे कई अंतरराष्ट्रीय स्की-माउंटेनियरिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं और काराकोरम जैसे दुर्गम क्षेत्रों में अपने रोमांचक अभियानों के लिए प्रसिद्ध हैं.
एल्ब्रुस (Mount Elbrus, 5,642 मीटर, रूस)
शिशपांगमा (Shishapangma, 8,027 मीटर, तिब्बत, चीन)
मानस्लु (Manaslu, 8,163 मीटर, नेपाल)
ब्रॉड पीक (Broad Peak, 8,051 मीटर, पाकिस्तान, काराकोरम)
किंयांग काश (Kunyang Chhish East, 7,400 मीटर, पाकिस्तान, काराकोरम)
के2 (K2, 8,611 मीटर, पाकिस्तान, काराकोरम)