क्या आपने कभी सुना कि पेड़ों को भी पेंशन मिल सकती है? जी हां, हरियाणा सरकार की अनूठी प्राण वायु देवता योजना के तहत 75 साल से अधिक उम्र के पेड़ों का रखरखाव करने वालों को ₹3000 की सालाना पेंशन दी जा रही है! यह खबर न सिर्फ पर्यावरण प्रेमियों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए खुशखबरी है जो अपने आसपास हरियाली को बचाना चाहता है. करनाल जिले में अब तक 112 पेड़ों को इस योजना के तहत पेंशन मिल चुकी है, और 55 अन्य पेड़ों को चिह्नित किया गया है, जिनके मालिकों को जल्द ही यह लाभ मिलेगा.
पेड़ों का सम्मान, पर्यावरण का संरक्षण
हरियाणा सरकार ने 2021 में विश्व पर्यावरण दिवस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (अब केंद्रीय ऊर्जा मंत्री) के नेतृत्व में प्राण वायु देवता योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का मकसद है 75 साल से अधिक उम्र के पेड़ों को "विरासत वृक्ष" का दर्जा देकर उनकी देखभाल को बढ़ावा देना. करनाल के वन विभाग अधिकारी पवन शर्मा ने बताया, "जैसे बुजुर्गों को 60 साल की उम्र के बाद पेंशन मिलती है, वैसे ही 75 साल से पुराने पेड़ों के रखरखाव के लिए उनके मालिकों को हर साल ₹3000 की पेंशन दी जा रही है."
उन्होंने आगे कहा, "जिले में अब तक 112 पेड़ों को इस योजना के तहत पेंशन दी जा चुकी है, और हाल ही में 55 और पेड़ों को चिह्नित किया गया है. जल्द ही इनके मालिकों को भी पेंशन का लाभ मिलेगा." पूरे हरियाणा में लगभग 4000 पेड़ों को इस योजना के तहत चिह्नित किया गया है, और सरकार का लक्ष्य है कि इस संख्या को और बढ़ाया जाए.
क्यों जरूरी है यह योजना?
पेड़ हमारे पर्यावरण की रीढ़ हैं, लेकिन पुराने पेड़ों की देखभाल में अक्सर कमी रह जाती है. कई बार खाद, पानी, या शाखाओं की छंटाई के अभाव में ये पेड़ सूख जाते हैं या कटवा दिए जाते हैं. पवन शर्मा ने बताया, "कई लोग पेड़ों की देखभाल के लिए संसाधनों की कमी का हवाला देते थे. इस योजना के तहत मिलने वाली ₹3000 की राशि का उपयोग पेड़ों की सिंचाई, खाद, और संरक्षण के लिए किया जा सकता है."
उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना न केवल पेड़ों को बचाने में मदद कर रही है, बल्कि लोगों में पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने का उत्साह भी बढ़ा रही है. "यह हरियाणा सरकार की एक क्रांतिकारी पहल है, जो पेड़ों को सम्मान देती है और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देती है," उन्होंने जोड़ा.
एक पेड़, तीन पीढ़ियों की जिम्मेदारी
करनाल के पुंडरक गांव में रहने वाले ललित कुमार की कहानी इस योजना की सफलता का जीवंत उदाहरण है. ललित ने बताया, "मेरी दादी ने 78 साल पहले एक आम का पेड़ लगाया था. तब से मेरे पिता, चाचा, और अब मैं इस पेड़ की देखभाल कर रहे हैं." इस पेड़ को प्राण वायु देवता योजना के तहत पेंशन मिल रही है, जिससे उनकी देखभाल और आसान हो गई है.
ललित ने कहा, "हम इस पेड़ को समय-समय पर पानी देते हैं, यूरिया और खाद डालते हैं, और फल आने से पहले इसकी शाखाओं की छंटाई करते हैं. सरकार की यह योजना बहुत अच्छी है. इससे न केवल पेड़ बचेगा, बल्कि लोग भी इसकी देखभाल के लिए प्रेरित होंगे." उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और पर्यावरण को बचाने में योगदान दें.
पर्यावरण संरक्षण में एक कदम आगे
पवन शर्मा ने लोगों से अपील करते हुए कहा, "हमारा पर्यावरण संकट में है. जितने पेड़ हैं, उनकी देखभाल करना और नए पेड़ लगाना हम सबकी जिम्मेदारी है." उन्होंने बताया कि इस योजना के बाद लोग पेड़ों के प्रति अधिक जागरूक हुए हैं, और कई लोग अपने पुराने पेड़ों को इस योजना में शामिल करने के लिए आवेदन कर रहे हैं.
योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया भी सरल है. अगर आपके पास 75 साल से अधिक उम्र का कोई पेड़ है, तो आप वन विभाग से संपर्क कर सकते हैं. जिला-स्तरीय समिति पेड़ की उम्र और स्थिति की जांच करेगी, और पात्र पेड़ों को पेंशन के लिए चिह्नित किया जाएगा.
हरियाणा सरकार की यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अनूठा कदम है, बल्कि देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल है. पेड़ों को पेंशन देकर सरकार ने यह संदेश दिया है कि पर्यावरण हमारी धरोहर है, और इसे बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है.
(कमलदीप की रिपोर्ट)