भगवान भोलेनाथ के भक्तों को एक भव्य सौगात मिली है. उदयपुर के नाथद्वारा में महादेव की सबसे ऊंची प्रतिमा बनकर तैयार हो गई है. अब इस प्रतिमा के अनावरण की तैयारियां चल रही हैं. बहुत जल्द श्रद्धालुओं को इस विशाल प्रतिमा की खूबियों को करीब से देखने का मौका मिलेगा. दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए इस जगह पर भगवान शंकर के दर्शन के साथ-साथ सुकून से कुछ पल बिताने का इंतजाम किया गया है. भगवान शंकर की ये मूर्ति आकाश की ऊंचाइयों को छूती है. भक्त कई किलोमीटर दूर से इसके दर्शन कर सकेंगे.
इस विशाल शिव प्रतिमा ने राजस्थान के नाथद्वारा को नई पहचान दिला दी है. नाथद्वारा के गणेश टेकरी पर बनी ये विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा है. बरसों तक चले काम के बाद अब भोलेनाथ की ये प्रतिमा बनकर तैयार है. प्रतिमा के अनावरण की तैयारियांं जोर शोर से चल रही हैं.
और कहां है ऐसी प्रतिमा
बताया जा रहा है कि ये दुनिया की इकलौती भगवान शिव की ऐसी प्रतिमा है, जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, लोगों के बैठने के लिए हॉल के इंतजाम हैं. इससे पहले कर्नाटक के मरूदेश्वर मंदिर में 123 फीट की शिव प्रतिमा स्थापित की गई थी जबकि, नेपाल स्थित कैलाशनाथ मंदिर में 143 फीट ऊंची प्रतिमा है. तमिलनाडु के आदियोगि मंदिर में 112 फीट ऊंची और मॉरीशस में मंगल महादेव की 108 फीट ऊंची शिव प्रतिमा है. इन सबको पीछे छोड़ते हुए राजस्थान में अब इस प्रतिमा का निर्माण किया गया है, जो देश ही नहीं दुनिया के भी श्रद्धधालुओं और सैलानियों को आकर्षित करेगी.
351 फीट है ऊंचाई
इस शिव प्रतिमा की नींव अगस्त 2012 में रखी गई थी. इसकी ऊंचाई 351 फीट है और इसका वजन 3 हजार टन है. इसके निर्माण में 2600 टन स्टील और लोहे का इस्तेमाल हुआ है. इसमें भगवान शिव का चेहरा 70 फीट ऊंचा है जबकि प्रतिमा का आधार 110 फीट ऊंचा है. दावा किया गया है कि 250 किलोमीटर रफ्तार से चलने वाली हवा का भी इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा और 2500 साल तक यह प्रतिमा सुरक्षित रहेगी. इस प्रतिमा में ऐसी कई खासियत है जो श्रद्धालुओं को दूर दूर से नाथद्वारा खींच लाएगी. प्रतिमा के अंदर लिफ्ट से भक्त भगवान शिव के कंधे तक की ऊंचाई तक जा सकेंगे. यहां तक पहुंचकर शिव भक्त कई किलोमीटर दूर तक का नजारा देख सकेंगे.
शिव का अभिषेक करने के लिए दो तलाब
यह प्रतिमा 16 एकड़ के कॉम्प्लेक्स में स्थापित की गई है. प्रतिमा के अंदर 280 फीट तक जाने के लिए 4 लिफ्ट लगी हैं. लिफ्ट से श्रद्धालु भगवान शिव के कंधे तक जाकर अरावली की पहाड़ियां देख सकेंगे.यहां 5-5 हजार लीटर क्षमता के दो तालाब बनाए गए हैं जिनके पानी से भगवान शिव का अभिषेक होगा. यहां 400 लोगों के बैठने के लिए हॉल बनाया गया है. हॉल में प्रोजेक्टर पर इसके निर्माण की कहानी बताई जाएगी. यहां फूड कोर्ट और हर्बल गार्डेन भी बनाए गए हैं.