किसान ने गांव में बना डाला विदेशी रिसॉर्ट जैसा ट्री हाउस, देखकर आ जाएगी मालदीव्स की याद

अमन प्रताप बताते हैं कि कई साल पहले मालदीव और साउथ इंडिया में ट्री हाउस देखकर मैं उनसे बहुत प्रभावित हुआ. उनकी मेडिटेटिव फीलिंग ने मुझे नेचर से जुड़ने की प्रेरणा दी. इसी सोच से 7 साल पहले गांव में पॉपुलर के पेड़ों पर अपनी सुंदर झोपड़ी बनाई, जो शांति और सुकून का एहसास कराती है.

Saharanpur Tree House
राहुल कुमार
  • सहारनपुर ,
  • 29 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:08 PM IST

सहारनपुर के ग्राम मिर्जापुर में एक किसान ने अपनी अनोखी सोच और प्रकृति प्रेम से ऐसा ट्री हाउस तैयार किया है, जो पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गया है. गांव के लोग अब उन्हें प्यार से झोपड़ी वाला कहकर बुलाते हैं. किसान अमन प्रताप सिंह ने अपने खेत में खड़े पॉपुलर के पेड़ों पर एक खूबसूरत ए-फ्रेम ट्री हाउस तैयार किया है, जो देखने में किसी पहाड़ी या विदेशी रिसॉर्ट जैसा दिखता है.

गांव में बना विदेशी रिसॉर्ट जैसा ट्री हाउस
अमन प्रताप सिंह का कहना है कि वे कई बार विदेश यात्रा पर गए हैं और मालदीव समेत कई देशों में समुद्र किनारे बने ट्री हाउस में रुक चुके हैं. वहीं से उन्हें इस अनोखे विचार की प्रेरणा मिली. उन्होंने बताया कि ए-फ्रेम डिजाइन में बना यह ट्री हाउस मन को शांति देता है और भीतर बैठते ही एक अलग तरह की मेडिटेटिव फीलिंग आती है. यही अनुभव वे अपने गांव में भी जीना चाहते थे.

सात साल पहले देखा सपना, धीरे-धीरे हुआ साकार
करीब सात साल पहले अमन ने अपने खेत में मौजूद पॉपुलर के पेड़ों को चुनकर इस सपने पर काम शुरू किया. तीन साल पहले उन्होंने स्थानीय कारीगरों की मदद से पेड़ों के बीच मजबूत ढांचा तैयार कराया. यह ट्री हाउस अभी पूरी तरह तैयार नहीं हुआ है, लेकिन सर्दियों के हिसाब से इसे खास तौर पर डिजाइन किया गया है. अमन का कहना है कि यह केवल एक घर नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ने का माध्यम है.

कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ी, गांव की ओर लौटे
अमन प्रताप बताते हैं कि पहले वे कॉर्पोरेट जॉब में थे, लेकिन कोविड के बाद उन्होंने शहर की जिंदगी छोड़कर गांव लौटने का फैसला किया. अब वे जैविक खेती कर रहे हैं और प्राकृतिक जीवनशैली को अपनाए हुए हैं. उनका मानना है कि जैसे पक्षी पेड़ों पर अपना घर बनाकर प्रकृति के बीच रहते हैं, वैसे ही इंसान को भी प्रकृति से जुड़कर जीना चाहिए. आज उनकी यह झोपड़ी पूरे गांव में पहचान बन चुकी है और लोगों के लिए प्रेरणा का केंद्र बन गई है.

अमन प्रताप बताते हैं कि कई साल पहले मालदीव और साउथ इंडिया में ट्री हाउस देखकर मैं उनसे बहुत प्रभावित हुआ. उनकी मेडिटेटिव फीलिंग ने मुझे नेचर से जुड़ने की प्रेरणा दी. इसी सोच से 7 साल पहले गांव में पॉपुलर के पेड़ों पर अपनी सुंदर झोपड़ी बनाई, जो शांति और सुकून का एहसास कराती है.

 

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