'मां' शब्द में सारी दुनियां समा जाती है और मां की सारी दुनिया उसके बच्चों के लिए ही होती है. लेकिन इस घोर कलयुग में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने रिश्तों को झकझोर कर रख दिया है. राजस्थान के जयपुर में 80 वर्षीय महिला की मौत के बाद उसकी देह अंतिम क्रिया के लिए श्मशान घाट लाई गई. श्मशान में चिता के लिए लकड़ियां भी सजाई गईं लेकिन अचानक मृत मां की जगह उसका बेटा चिता पर लेट गया. ऐसा उसने मां के प्रति उमड़े प्रेम के लिए नहीं किया बल्कि चांदी के एक टुकड़े के लिए किया.
मां के अंतिम संस्कार में बेटी का हंगामा
घटना जयपुर ग्रामीण के विराटनगर क्षेत्र की है. जहां लीलों का बास की ढाणी में 80 वर्षीय महिला छीतर रेगर का निधन हो गया. मां के निधन के बाद बेटों ने अंतिम यात्रा निकाली और नजदीकी श्मशान घाट लेकर पहुंचे. अंतिम क्रिया के वक्त मुख्य लोगों ने शव को चिता पर लेटाने से पहले महिला के श्रृंगार के गहने उसकी सेवा करने वाले बड़े बेटे गिरधारी लाल को सौंप दिए. यह देख उसका छोटा बेटा ओमप्रकाश बिफर पड़ा और चिता पर लेट कर कहने लगा, पहले मुझे मां की चांदी की कड़ियां दो, ऐसा नहीं करोगे तो यहां से उठूंगा नहीं, खुद भी जल मरूंगा.
जब तक चांदी के कड़े नहीं मिले तब तक चिता पर लेटा रहा बेटा
श्मशान घाट में बेटे की इस करतूत को देख रिश्तेदार, परिवार और समाज के लोगों ने उसे समझाया लेकिन बेटे ने किसी की नहीं सुनी. लोगों ने जबरदस्ती उसे चिता से उठाया तो फिर जाकर उसी पर बैठ गया. आखिर में जबतक चांदी के कड़े उसे नहीं मिले तब तक उसने अंतिम संस्कार नहीं होने दिया. दिलों को झकझोर देने वाले इस सीन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
तेरहवी में भी शामिल नहीं हुआ बेटा
यही नहीं बताया ये भी जा रहा है कि छोटा बेटा तेरहवी की धूप की रस्म में भी शामिल नहीं हुआ. ग्रामीणों के अनुसार, ओमप्रकाश और उसके अन्य भाइयों के बीच पिछले कुछ सालों से संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है. जिसके चलते ओमप्रकाश गांव के बाहर अलग घर में रहता है और खुद को परिवार से अलग-थलग महसूस करता है. इसी मनमुटाव के कारण उसने मां के निधन के दिन श्मशान घाट में जग हंसाई करवा दी.
-विशाल शर्मा की रिपोर्ट