अक्सर लोग अपनी छोटी सी परेशानी भी नहीं झेल पाते हैं और हिम्मत हारने लगते हैं. लेकिन वहीं, ऐसे भी लोग हैं जिनके हौसले बड़ी से बड़ी मुश्किल को भी छोटा कर देते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है अब्लु राजेश कुमार की.
महज 13 साल की उम्र में राजेश का अमृतसर रेलवे स्टेशन पर एक्सीडेंट हो गया. ट्रेन छूटने के डर से रेलवे ट्रैक पार करने के उनके लापरवाह फैसले की कीमत उनके दोनों पैरों ने चुकाई. इस दुर्घटना ने उनका पूरा जीवन बदल दिया. पर कहते हैं न कि हिम्मत हो तो सब कुछ मुमकिन है.
कमजोरी को बनाया ताकत
इतनी कम उम्र में पैर खोना राजेश के लिए बहुत बड़ी चुनौती थी. राजेश को डांस में आगे बढ़ना था. लेकिन इसके बाद कौन ही सोच सकता था कि वह कभी डांस भी कर पाएंगे. लेकिन राजेश ने न सिर्फ खुद डांस किया बल्कि आज अपनी डांस क्लासेज भी चला रहे हैं. और यह संभव हुआ उनके मजबूत इरादों की वजह से.
उन्होंने प्रॉस्थेटिक का सहारा लिया. और खुद से वादा किया कि एक हादसे की वजह से वह अपने सपने नहीं छोड़ेंगे. और आज वह एक डांसर, कोरियोग्राफर, कंटेंट क्रिएटर और साइकिलिस्ट हैं.
साइक्लिंग में बनाया रिकॉर्ड
डांसिंग हमेशा से राजेश का पैशन रहा है. इस दुर्घटना के बाद, उन्होंने डांस में आगे बढ़ने की उम्मीद कभी नहीं छोड़ी. शुरुआत करने के लिए, राजेश ने प्रॉस्थेटिक का सहारा लिया. अपने शरीर को इसके लिए प्रशिक्षित किया और फिर से डांस करना सीखा. अपनी लगन से वह एक कोरियोग्राफर बन गए हैं.
हाल ही में, 15 अगस्त को, जब देश ने आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया, तो रजेश ने भी अनोखा रिकॉर्ड कायम किया. राजेश ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को थामे हुए 1 किमी तक साइकिल की सवारी की और एक रिकॉर्ड बनाया, जिसे प्रतिष्ठित इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया है. उन्होंने साबित किया कि वह किसी कम नहीं हैं.