हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित एक अनोखा मड हाउस आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है. यह घर पूरी तरह से प्राकृतिक चीजों से बना है, यह घर न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि सुकूनदायक भी है. इस घर का निर्माण 31 साल पहले रेवती और वसंत कामत ने किया था.
इस मड हाउस का नाम 'वन भोज' है और यह पीपल, नीम, नींबू जैसे पेड़ों से घिरा हुआ है. दिन के किसी भी पहर यहां तरह-तरह की चिड़ियों और मोरों की आवाज सुनी जा सकती है. लेकिन इन आवाजों के बीच भी यहां आकर आपको एक शांति महसूस होती है.
कैसे हुआ है निर्माण
इस मड हाउस की दीवारों के निर्माण में मिट्टी, मुल्तानी मिट्टी, हल्दी, और अलसी के तेल का इस्तेमाल किया गया है. 80% कंस्ट्रक्शन मटेरियल इसी जगह से लिया गया है. दीवारों को सन-ड्राइड मड ब्रिक्स से बनाया गया है, जिन्हें 30 दिन धूप में सुखाया गया. इसके ऊपर गोबर, मिट्टी, मुल्तानी मिट्टी, हल्दी का पाउडर और अलसी का तेल मिलाकर लिपाई की गई है.
सादगी और सुकून का मेल
इस घर के अंदर कोई फैंसी सोफा या महंगे सजावटी सामान नहीं मिलेंगे. यहां की हर चीज़ आपको गांव की याद दिलाएगी. ड्राइंग रूम से लेकर बैडरूम तक, हर जगह सादगी और सुकून का माहौल है. बैडरूम में भी कोई भारी-भरकम बेड नहीं है, बल्कि सब कुछ बहुत सादगी से रखा गया है.
पर्यावरण के अनुकूल निर्माण
यह मड हाउस पर्यावरण के अनुकूल है और इसमें प्लास्टिक का कोई उपयोग नहीं किया गया है. यहां का फर्नीचर भी मिट्टी, रिसाइकल की गई लकड़ी और पत्थरों से बना है. इस घर में वेंटिलेशन और रोशनी का पूरा ख्याल रखा गया है ताकि बिजली की खपत कम से कम हो सके.
मिट्टी और पत्थर से बने घर सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडे रहते हैं. यह घर पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ सस्ते भी होते हैं. इस मड हाउस में मनोरंजन के लिए एक छोटी सी लाइब्रेरी भी है, जहां आप किताबें पढ़ सकते हैं और म्यूजिक सुन सकते हैं. यहां पर डिजिटल एंटरटेनमेंट के अलावा भी कई विकल्प हैं.
कितनी लगी लागत
मड हाउस का निर्माण कम लागत में किया जा सकता है. इस तरह के घर का निर्माण लगभग 3500 रुपये प्रति स्क्वायर फीट में हो सकता है, जिसमें लेबर, मटेरियल, कंस्ट्रक्शन और आर्किटेक्चरल डिज़ाइन शामिल हैं.
(तस्वीरें: फेसबुक/इकोप्लोर)