आजादी के बाद से नेताओं के वायदों के बावजूद, गाजीपुर जिले के कयामपुर और सौना गांव के बीच मंगई नदी पर 108 फीट लंबा पक्का पुल बनाने का काम अब स्थानीय ग्रामीणों ने अपने दम पर शुरू कर दिया है. इस पुल के निर्माण में अब तक चंदे से लगभग 50 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं और आधा काम पूरा हो चुका है. ग्रामीणों का कहना है कि चुनावों के दौरान हर बार नेताओं ने पुल बनाने का वादा किया, लेकिन इन वादों को कभी साकार नहीं किया गया. अब खुद ग्रामीणों ने यह पुल बनाना शुरू किया है.
25 फरवरी 2024 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव ने इस पुल का शिलान्यास किया था. तब से लेकर अब तक, कयामपुर के स्थानीय लोग, जिनमें सेना के रिटायर्ड इंजीनियरिंग कोर के रविंद्र यादव भी शामिल हैं, श्रमदान और चंदे के माध्यम से यह पुल बना रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उनकी परेशानियां अब खत्म होने वाली हैं क्योंकि बाढ़ के समय नदी पार करने में भारी कठिनाई होती थी.
ग्रामीणों की मेहनत का असर
कयामपुर गांव के ग्रामीणों ने बताया कि वे दशकों से पुल की मांग कर रहे थे, लेकिन नेताओं ने कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया. हर चुनाव में नेता आते थे और वायदे करके चले जाते थे, लेकिन पुल का काम कभी शुरू नहीं हुआ. इस बीच, मोहनपुरवा और अन्य आसपास के गांवों के लोग भी इस पुल से लाभान्वित होंगे, क्योंकि इस पुल के बनने से मुख्यालय से इन गांवों की दूरी 25 से 30 किलोमीटर कम हो जाएगी.
राजनीतिक विवाद
इस पुल के निर्माण में राजनीति भी घिरी हुई है. ग्रामीणों के अनुसार, वर्तमान सपा विधायक शोएब अंसारी ने भी सदन में इस पुल के निर्माण की मांग की थी. हालांकि, कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई. ग्रामीणों का आरोप है कि इस विधानसभा क्षेत्र पर पिछले 40 वर्षों से सपा और भाजपा के दो परिवारों का कब्जा रहा है, लेकिन पुल की समस्या कभी हल नहीं हुई.
डीएम का बयान
जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने इस पुल की जानकारी दी और कहा कि वह पीडब्ल्यूडी विभाग से इसकी जांच करवाएंगे. "हम इस पुल की गुणवत्ता और ताकत की जांच कराएंगे," उन्होंने कहा. हालांकि, इस पुल के बिना सरकारी अनुमति के निर्माण के कारण कुछ सवाल भी उठ रहे हैं. अगर कोई हादसा होता है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा, यह एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब सरकार को देना होगा.
गाजीपुर जिले के कासिमाबाद क्षेत्र के नोनहरा थाना क्षेत्र के ग्रामीणों की यह पहल आत्मनिर्भर भारत की मिसाल बन रही है. यह पुल न केवल ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करेगा, बल्कि समाज की एकजुटता और विकास की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है.
(रिपोर्ट: विनय कुमार सिंह)