क्या है Adulting '101' Crash Course? और किस कॉलेज में हो रहा है इसका दाखिला... क्यों जेन जी है इसके पीछे पागल

जेन जी की पीढ़ी इंटरनेट की दुनिया को अपने ज्ञान की दुनिया बनाने में लगी है. जहां भी वह फसती है वह इंटरनेट खोल समाधान निकालती है. बिन इस बात को सोचे कि क्या वाकई वह समाधान उसकी स्थिति में फिट बैठता भी है या नहीं.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2025,
  • अपडेटेड 9:16 AM IST

'Google', यह वो शब्द है जिसे हम लगभग बचपन से सुनते आ रहे है. साथ ही इसके कमाल को भी देखते आ रहे है. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि आपने गूगल से कुछ पूछा और उसने झट से जवाब दिया. दरअसल वह भी इस बात को नोट कर रहा होता है कि किस प्रकार के सवाल उससे ज्यादा पूछे जाते है. Axios रिपोर्ट करता है कि आजकल बड़े लोग गूगल से रोजमर्रा के कामों के बारे में उससे काफी सवाल कर रहे हैं.

किस तरह के सवाल का सामना कर रहा गूगल
गूगल के डाटा के मुताबिक, आजकल लोग उससे पूछ रहे हैं कि झाड़ू कैसे लगाए, गाड़ी का तेल कैसे बदलें, ऑटोपे कैसे सेट यहां तक की बाथरूम का वेंट कैसे साम करें. हैरत की बात यह हैं कि इन सवालों के जवाब कोई भी बड़ा दे सकता है, लेकिन जेन जी ने इन सवालों के जवाब गूगल के मांगे हैं. 

क्या कहते हैं पुराने सर्वे
पहले की बात करें तो एडल्ट्स को बेसिक होम मैंनटेंस का ज्ञान नहीं था. इसलिए ऐसी पढ़ाई को शामिल किया गया जिसमें वह यह सब काम सीख सके. जैसे कि सिलाई करना या पैसों के लेन-देन का हिसाब रखना. लेकिन वक्त के साथ ऐसी पढ़ाई विलुप्त सी होती गई. और आखिर में जेन जी गूगल पर आकर ज्ञान की घास चर रही है.

अमेरिका की बात करें तो 2004 से लेकर 2024 तक बेसिक लाइफस्टाइल को लेकर पूछे गए सवालों की संख्या में एक भारी इजाफा आया है. जो यह साफ दर्शाता है कि किस तरह पहले के लोगों को गूगल की जरूरत नहीं थी. लेकिन आज की जेन जी गूगल पर निर्भर हो चुकी है.

कैसे थी पहले की पढ़ाई
1960 तक अमेरिका में हाई स्कूल के बच्चों खाना बनाना, साफ-सफाई करना और सिलाई करना उनके सिलेबस का बेसिक होता था. लेकिन बदलते वक्त के साथ ऐसा पाठ्यक्रम गायब सा होता गया. और आज आलम यह है कि बच्चों को नहीं कि लॉन्ड्री जैसा बेसिक काम कैसे किया जाए. इस समय के अमेरिका के स्कूल में प्रैक्टिकल पढ़ाई की काफी कमी हो रही है. 

कहां-कहां पूछे जा रहे है
लोग सवालों के लिए केवल गूगल ही नहीं बल्कि यूट्यूब, टिकटॉक और एआई का दामन तक पकड़ रहे हैं. Pew Reseach Data बताता है कि 2018 तक आधे से ज्यादा यूट्यूब इस्तेमाल करने वाले उन चीज़ों के बारे में पूछते थे जो उन्होंने कभी की ही नहीं. आजकल हम रील्स में देखते हैं कि किस प्रकार कई-कई डिश तैयार हो रही है या कपड़ो पर लगे ज़िद्दी दागों को कैसे साफ किया जा रहा है. लेकिन कभी पिछली पीढ़ी से जाकर नहीं पूछते इन बातों के बारे में.

Adulting '101' crash course
डरिए मत. यह किसी जगह पढ़ाए जानी वाले कोर्स का नाम नहीं, बल्कि यह वह स्थिति है जिसमें किसी कॉमन सेंस वाली चीज़ के लिए जेन जी गूगल या यूट्यूब खोल बैठता है. उसकी लिए इंटरनेट की दुनिया ज्ञान की दुनिया बन गई है. जिस चीज़ की जरूरत हो फटाफट गूगल खोल लो. लेकिन कभी उसे किसी व्यस्क से पूरा सीखो मत. जितनी जरूरत उतना ज्ञान, यही है इसका मूल सिद्धांत.

 

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