रिश्तों में कई बार टॉक्सिक लोग मिल जाते हैं. टॉक्सिक लोग आपके माहौल को नकारात्मक बना देते हैं. वह आपको गुस्सा दिलाने की कोशिश करते रहते हैं. आप खुद के ऊपर काफी काबू पाने की कोशिश करते हैं लेकिन टॉक्सिक लोग हालातों को मुश्किल बनाते हैं. ऐसे हालात में ग्रे रॉक मेथड (Grey Rock Method) को एक रणनीति के तौर पर अपनाया जाता है.
ग्रे रॉक मेथड क्या है?
‘ग्रे रॉक’ का मतलब है अपने आप को बिल्कुल नीरस और बोरिंग बना लेना, जैसे कोई साधारण सा पत्थर. इसका मकसद है कि सामने वाला व्यक्ति आपको दिलचस्प न पाए और आपकी प्रतिक्रिया से उसे कोई संतुष्टि न मिले.
यह आमतौर पर इन तरीकों से किया जाता है:
कहां आता है यह तरीका काम?
अक्सर यह तरीका उन लोगों से निपटने के लिए अपनाया जाता है जिनमें नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (NPD) के लक्षण दिखाई देते हैं. ऐसे लोग दूसरों से ध्यान और प्रशंसा की चाह रखते हैं, जिसे “नार्सिसिस्टिक सप्लाई” कहा जाता है. अगर उन्हें वह प्रतिक्रिया नहीं मिलती जो वे चाहते हैं, तो उनका दिलचस्पी खोना स्वाभाविक है.
भावनात्मक शोषण के उदाहरण
लोग ग्रे रॉक मेथड का सहारा इसलिए लेते हैं ताकि खुद को इमोशनल एब्यूज़ (Emotional Abuse) से बचा सकें. भावनात्मक शोषण कई रूपों में हो सकता है.
ग्रे रॉक क्यों कारगर है?
जब कोई व्यक्ति भावनात्मक प्रतिक्रिया नहीं देता, तो अपमान करने वाले को अपनी “ताक़त” का एहसास नहीं होता. इस तरह यह तरीका उनके प्रभाव को सीमित कर सकता है और बातचीत को कम नुकसानदेह बना सकता है. हालांकि, यह कोई स्थायी समाधान नहीं है, लेकिन कई लोगों को ज़हरीले रिश्तों में इससे राहत महसूस होती है.