जब हमारी नसें हरी या नीली तो शरीर से बहने वाला खून लाल कैसे!

कई बार कुछ ऐसे सवाल हमारे दिमाग में आ जाते हैं जो बड़े अटपटे होते हैं , लेकिन इनको जानना उतना ही दिलचस्प.. नसों में खून के हरा या नीला और बाहर आते ही लाल दिखाई देना ऐसा ही एक सवाल है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST
  • हीमोग्लोबिन की वजह से लाल होता है खून का रंग
  • जान‍िए नसों का रंग नीला और खून का रंग लाल द‍िखने का व‍िज्ञान

कभी भी चोट लगने पर या जख्म से खून बहने पर आपने लाल रंग का ही खून देखा होगा. लेकिन क्या हो अगर कोई आपसे कहे कि उसने हरे रंग का खून देखा है. अब यकीनन ही आप सोचेंगे कि अरे हां... हाथों या पैरों की नसें तो हरी या नीली ही होती हैं. तो क्या हमारा खून लाल के बजाय हरा या नीला होता है? या फिर नसों में दिखने वाला नीला या हरा खून बाहर आने के बाद लाल कैसे हो जाता है. तो चलिए जानते हैं इसके पीछे का व‍िज्ञान.

दरअसल इंसानी खून का रंग एक प्रोटीन - हीमोग्लोबिन की वजह से लाल होता है. हीमोग्लोबिन में लाल रंग के घटक होते हैं जिन्हें हीम कहा जाता है. हीम का काम शरीर में ब्लड फ्लो के साथ ऑक्सीजन को लाना- ले जाना होता है. इसके अलावा इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि हीम में मौजूद आयरन ऑक्सीजन से मिलता है और इनके मेल से बनने वाला अणु यानी मॉलेक्यूल ही फेफड़ों से शरीर के तमाम अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है.

तो शरीर से बहने वाला खून लाल कैसे

अब खून के हरे और लाल वाले सवाल का जवाब एक सवाल से ही समझा सकता है. वो ये कि कोई चीज किसी खास रंग की क्यों नजर आती है. किसी भी चीज का रंग इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस रंग के प्रकाश को सोखती है और किसे परावर्तित यानी वापस लौटाती है. जैसे- अगर कोई चीज बैंगनी रंग की दिखती है तो इसका मतलब है कि वह सफेद प्रकाश, जिसमें सात रंग की प्रकाश किरणें मौजूद होती हैं, में से बैंगनी रंग को परावर्तित कर देती है यानी लौटा देती है और बाकी रंगों को सोख लेती है. यही बात रासायनिक पदार्थों पर भी लागू होती है. ऑक्सीजन के साथ जुड़ने वाला हीमोग्लोबिन नीले और हरे रंग के प्रकाश को सोख लेता है और लाल-नारंगी रंग के प्रकाश को परावर्तित कर देता है. इसीलिए हमें खून का रंग लाल दिखाई देता है.

तो क्या खून का नीला या हरा होना बस एक मिथ

खून के नीले रंग के सवाल पर एक मिथ ये है कि शिराओं में बहने वाला वह रक्त जो शरीर के बाकी अंगों से हृदय तक पहुंचता है, नीले रंग का होता है क्योंकि उसमें ऑक्सीजन नहीं होती या वह अशुद्ध होता है. साइंस इस मिथ को गलत ठहराता है. साइंस के मुताबिक खून का हरा दिखना पूरी तरह से एक ऑप्टिकल इल्यूजन है. दरअसल नीला रंग की प्रकाश लाल रंग के मुकाबले अपने अंदर टिश्यू को उतनी गहराई तक नहीं भेद पाती हैं, जिसकी वजह से इनमें रंगो को परावर्तित करने की क्षमता ज्यादा होती है. इसके ठीक विपरीत लाल रंग की किरणें अंदर तक जा पाती हैं और इनका कुछ ही हिस्सा परावर्तित होकर बाहर दिखाई पड़ता है. बस यही वजह है कि इन वाहिकाओं का रंग हमें लाल के बजाय नीला दिखाई पड़ता है.

 

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