101 फीट लंबी तिरंगा कांवड़ यात्रा! सहारनपुर के युवाओं ने भक्ति को जोड़ा देशभक्ति से, पहलगाम के शहीदों को समर्पित की श्रद्धांजलि

सहारनपुर की इस अनोखी कांवड़ यात्रा ने तिरंगे को केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य और आस्था का प्रतीक बना दिया है. यह यात्रा एक उदाहरण है कि कैसे नवयुवक अपने विश्वास और देशप्रेम को एक साथ जी सकते हैं.

101 फीट लंबा तिरंगा कांवड़ यात्रा
gnttv.com
  • सहारनपुर,
  • 21 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST

श्रावण माह में जब पूरा उत्तर भारत शिवभक्ति में डूबा है, तब उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से निकली एक विशेष कांवड़ यात्रा लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. इस बार की यात्रा केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि एक सशक्त राष्ट्रीय संदेश लेकर आई है- देशभक्ति और शहीदों को सम्मान.

सहारनपुर के 'सांब सदाशिव ग्रुप' के 25 युवाओं की टोली ने 101 फीट लंबा तिरंगा कंधों पर उठाकर हरिद्वार से अपने गांव तक की यात्रा शुरू की है. इस टोली ने अपनी कांवड़ यात्रा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकों और निर्दोष नागरिकों को समर्पित की है.

तिरंगा बना आस्था और राष्ट्रप्रेम का प्रतीक
ग्रुप के सदस्य रवि कोरी ने बताया, “यह हमारी पहली कांवड़ यात्रा है और हमने इसे पूरी तरह देशभक्ति को समर्पित किया है. जब हमारे सैनिक सीमा पर तैनात हैं, अपनी जान जोखिम में डालते हैं, तो हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम तिरंगे का सम्मान करें और देश के लिए जागरूकता फैलाएं.”

रवि के मुताबिक, कांवड़ यात्रा का मुख्य संदेश 'नशे से दूर रहो और तिरंगे के लिए जियो' है. यात्रा के हर पड़ाव पर युवाओं ने भारत माता की जय के नारे लगाए, देशभक्ति के गीत गाए और कंधों पर लहराते तिरंगे के साथ भक्ति और राष्ट्रप्रेम का अद्भुत संगम दिखाया.

हर गांव, हर गली में हुआ स्वागत
101 फीट लंबा तिरंगा जब गांवों और शहरों की गलियों से होकर गुजरा, तो स्थानीय लोगों ने फूल बरसाकर टोली का अभिनंदन किया. लोगों ने इसे केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक राष्ट्र जागरण अभियान माना.

यह कांवड़ यात्रा अपने-आप में एक संदेश बन गई है कि जब तक देश सुरक्षित है, तब तक हमारी आस्था भी सुरक्षित है. श्रद्धालुओं ने यात्रा को शहीदों की स्मृति और सम्मान के रूप में समर्पित किया.

रवि कोरी कहते हैं, “यह हमारी पहली कांवड़ यात्रा है, जिसमें 101 फीट लंबी तिरंगा कांवड़ लेकर हरिद्वार से सहारनपुर के अपने गांव तक जा रहे हैं. यह यात्रा हम उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कर रहे हैं, जो हाल ही में पहलगाम हमले में शहीद हुए. हमारा एक ही संदेश है- देश से प्रेम करो, नशे से दूर रहो, और देश के लिए जियो.”

कांवड़ यात्रा का उद्देश्य
इस यात्रा ने यह सिद्ध कर दिया कि सनातन परंपरा केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि आज के युवा इसे राष्ट्रसेवा से जोड़कर एक नई पहचान दे रहे हैं. भक्ति और देशभक्ति के इस अद्वितीय मेल ने ना केवल श्रद्धालुओं को भावुक किया, बल्कि युवाओं के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरा.
ग्रुप ने यह भी स्पष्ट किया कि वे चाहते हैं कि युवा वर्ग कांवड़ यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों का उपयोग सामाजिक जागरूकता के लिए भी करें. खासकर नशामुक्ति, सैन्य बलों के सम्मान और देशसेवा जैसे मुद्दों को लेकर.

(राहुल कुमार की रिपोर्ट)

 

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