Bhagwan Jagannath Jalyatra: भगवान जगन्नाथ की जलयात्रा से शुरू हुई 148वीं रथयात्रा की तैयारियां, AI और ड्रोन से होगी भीड़ कंट्रोल!

हर साल अषाढ़ की द्वितीया को निकलने वाली रथयात्रा देशभर में धार्मिक उल्लास का प्रतीक है. पुरी के बाद अहमदाबाद की रथयात्रा अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें लाखों भक्त शामिल होते हैं. जलयात्रा के बाद भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अगले 15 दिन सरसपुर- अपने मामा के घर रहेंगे.

भगवान जगन्नाथ
अतुल तिवारी
  • अहमदाबाद,
  • 11 जून 2025,
  • अपडेटेड 4:44 PM IST

गुजरात के अहमदाबाद में धार्मिक उत्साह अपने चरम पर है! जमालपुर स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर से आज सुबह भव्य जलयात्रा निकाली गई, जो 27 जून 2025 को होने वाली 148वीं रथयात्रा की औपचारिक शुरुआत का संकेत है. 

सुबह 9 बजे जमालपुर के प्राचीन जगन्नाथ मंदिर से जलयात्रा का शुभारंभ हुआ. 108 कलशों के साथ गजराज, बैलगाड़ियां, भजन मंडलियां, और करतबबाजों की टोलियां इस यात्रा को और भव्य बनाती नजर आईं. यात्रा साबरमती नदी के तट पर पहुंची, जहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच 108 कलशों की पूजा की गई.

इसके बाद गंगाजल से भरे कलश मंदिर वापस लाए गए, जहां भगवान जगन्नाथ का जलाभिषेक किया गया. इस अनोखी परंपरा में 68 नदियों के जल से भगवान का अभिषेक हुआ, जिसके बाद उन्हें गजवेश (हाथी की वेशभूषा) में सजाया गया. मान्यता है कि साल में यह एकमात्र दिन है, जब भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों को इस रूप में दर्शन देते हैं.

निसर्ग शास्त्री (जलयात्रा पर) ने बताया, “जलयात्रा भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की नींव है. साबरमती नदी के किनारे यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना.”

रथयात्रा का इंतजार
हर साल अषाढ़ की द्वितीया को निकलने वाली रथयात्रा देशभर में धार्मिक उल्लास का प्रतीक है. पुरी के बाद अहमदाबाद की रथयात्रा अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें लाखों भक्त शामिल होते हैं. जलयात्रा के बाद भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अगले 15 दिन सरसपुर- अपने मामा के घर रहेंगे. मान्यता के अनुसार, इस दौरान भगवान को खानपान और प्यार मिलने से उनकी आंखें प्रभावित होती हैं, जिसे कंजेक्टिवाइटिस कहते हैं. इसके चलते उनकी और उनके भाई-बहन की आंखों पर पट्टी बांधी जाती है, और अगले दिन रथयात्रा शुरू होती है.

पीएम मोदी की विशेष भक्ति
अहमदाबाद की रथयात्रा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गहरी आस्था देखी जाती है. रथयात्रा की अगली शाम को पीएम की ओर से विशेष प्रसाद भेजा जाता है, जो भगवान को अर्पित किया जाता है. इस साल 27 जून को रथयात्रा का आयोजन होगा, जिसमें सुबह 4 बजे गृहमंत्री अमित शाह मंगला आरती करेंगे, और सुबह 6 बजे मुख्यमंत्री भगवान के रास्ते की सफाई कर रथ को प्रस्थान कराएंगे.

AI और ड्रोन से होगी भीड़ प्रबंधन
148वीं रथयात्रा के लिए अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने सुरक्षा इंतजामों में क्रांति ला दी है. जमालपुर से सरसपुर तक 14 किलोमीटर और वापसी में कुल 28 किलोमीटर की इस यात्रा में 15 लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल होंगे. भीड़भाड़ वाले इलाकों और संकरी गलियों में भगदड़ से बचने के लिए AI तकनीक, 2500 से अधिक CCTV कैमरे, और ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. इनकी फुटेज कंट्रोल रूम और क्राइम ब्रांच को लाइव मिलेगी.

एसीपी भरत पटेल ने कहा, “AI सॉफ्टवेयर के जरिए हम भीड़ का सटीक आंकलन करेंगे. यह बताएगा कि किसी क्षेत्र में कितने लोग सुरक्षित हैं. इमरजेंसी में वायरलेस सेट और वॉकी-टॉकी से भीड़ को डायवर्ट किया जाएगा.” इस तकनीक से न सिर्फ सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई संभव होगी.

रथयात्रा के दौरान हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग मिलकर भगवान का स्वागत करते हैं, जो सांप्रदायिक सौहार्द का अनुपम उदाहरण है. हजारों पुलिसकर्मी और एसआरपी जवान पूरे रूट पर तैनात रहेंगे, जिसमें गजराज के नेतृत्व में भजन मंडलियां, करतबबाज, और 100 से अधिक ट्रक शामिल होंगे.

 

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