Agar Malwa: संत की अनोखी तपस्या! 15 सालों से हाथ नीचे नहीं किया

मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में एक ऐसा आश्रम है, जहां एक संत राधे पुरी जी महाराज अनोखी तपस्या कर रहे हैं. संत राधे पुरी जी महाराज पिछले 15 सालों से एक हाथ ऊपर उठाए हुए हैं. इसकी वजह से उनका एक हाथ पतला और कमजोर हो गया है. इससे पहले उन्होंने खड़े होकर भी तपस्या कर चुके हैं.

Saint Radhe Puri Ji Maharaj
gnttv.com
  • आगर मालवा, मध्य प्रदेश,
  • 02 जून 2025,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST

विश्व की शांति और आमजन के जीवन को सुखमयी बनाने के लिए मानव जाति अलग-अलग प्रयास में लगी रहती है और सबका मानना है कि विश्व में शांति बनी रहे. भारत सबसे पुरानी सनातन सभ्यता है और यहाँ के साधु-संतों की तपस्या हमेशा से ही विश्व शांति के लिए होकी रही है. ऐसे ही एक संत  मध्य प्रदेश के आगर मालवा में हैं, जो दुनिया में शांति और मानव उद्धार के लिए अनकी तपस्या कर रहे हैं. ये 15 सालों से अपना एक हाथ उठाकर तपस्या कर रहे हैं.

संत की अनोखी तपस्या-
आगर मालवा जिले में आमला के एक आश्रम में रहने वाले साधु राधे पुरी जी महाराज एक अनोखी तपस्या कर रहे हैं. इस संत का एक हाथ ऊपर देखकर हर होई हैरान रह जाता है, लेकिन ये सच है. सालों से किसी ने इनका ये हाथ नीचे नहीं देखा है. संत राधे पुरी जी महाराज विचित्र तपस्या कर रहे हैं. 
संत राधे पुरी जी महाराज लगातार पं15 सालों से अपना सीधा हाथ ऊपर रखकर विश्व शांति के लिए तपस्या कर रहे हैं. लगातार ऊपर रखने की वजह से हाथ भी काफी पतला और दुर्बल हो गया है. इसके साथ ही हाथों के नाखून भी काफी बड़े-बड़े हो गये हैं. 

अनोखी तपस्या का मकसद-
राधे पुरी जी महाराज विश्व में शांति बनी रहे और मानव का कल्याण हो, इसके लिए यह तपस्या कर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि इन्होंने सिर्फ मानव कल्याण के लिए यह तपस्या की है, बल्कि इन्होंने कुछ वर्ष तक खड़ी तपस्या भी की है. इस दौरान संत राधे पुरी जी महाराज काफी वर्ष खड़े होकर तप किया. इसके साथ ही कई अन्य तपस्याएं भी की, ताकि दुनिया में शांति कायम रहे, मानव का कल्याण हो सके.

देशभर से आते हैं भक्त-
आज राधे पुरी जी महाराज के यहां देशभर से भक्त आते हैं और उनके इस तप के आगे अपना शिश झुकाते हैं. यहाँ हमेशा भक्तों द्वारा कई तरह के पूजा पाठ का आयोजन चलता रहता है.

राधे पुरी जी महाराज ज्यादातर समय अपने पूजा कक्ष में तपस्या कर भगवान की आराधना और कठोर तपस्या में गुजार देते हैं. वे कक्ष में बैठे-बैठे भगवान का स्मरण करते हैं और अपना सीधा हाथ ऊपर कर कठोर तप करते दिखाई देते हैं. राधे पुरी जी महाराज का यही मानना है कि विश्व में शांति बनी रहे. मानव हमेशा प्रेमभाव से खुश रहे.

(प्रमोद कारपेंटर की रिपोर्ट)

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