सूर्य उपासना का महापर्व नजदीक आ चुका है और ऐसे में छठ पूजा को लेकर तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं. एक तरफ जहां बाजार सजने लगे हैं, वहीं दूसरी तरफ पूजा के घाटों साफ सफाई भी चल रही है. अक्सर देखा जाता है कि घाट पर व्रत करने वाली महिलाओं और उनके परिजनों के लिए स्थान चयन करना काफी मुश्किल प्रक्रिया होती है. लेकिन उत्तर प्रदेश के चंदौली के दीनदयाल नगर में स्थित मानसरोवर तालाब पर इसके लिए हर साल विशेष व्यवस्था की जाती है.
आधार कार्ड से घाट का आवंटन-
मानसरोवर तालाब के किनारे घाट के आवंटन के लिए आयोजकों ने टोकन सिस्टम की व्यवस्था की है. इसके लिए महिलाओं का आधार कार्ड लिया जा रहा है और उन्हें बाकायदा एक सीरियल नंबर दिया जा रहा है. बताया जाता है कि चंदौली जनपद का यह सबसे बड़ा छठ पूजा घाट है और इस घाट पर तकरीबन 1000 से ज्यादा महिलाएं छठ पूजा करती हैं.
घाट पर टोकन सिस्टम-
इस घाट पर छठ पूजा करने वालों की होड़ लगी रहती है और स्थान मिलना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में आयोजक मंडल द्वारा बाकायदा महिलाओं को एक टोकन दिया जाता है. जिसपर एक सीरियल नंबर होता है और इस सीरियल नंबर की नोटिंग घाट पर की जाती है. व्रती महिला और उनके परिजन घाट पर आते हैं और अपने नंबर के सामने बैठ कर छठ पूजा संपन्न करते हैं.
कब से शुरू हो रहा छठ पर्व-
इस साल छठ महापर्व की शुरुआत 25 अक्टूबर से हो रही है. जबकि इसका समापन 28 अक्टूबर को होगा. हिंदू पंचांग के मुताबिक छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चुर्थी तिथि से होती है और इसका समापन सप्तमी तिथि पर होता है. इस त्योहार में सूर्य देव की पूजा की जाती है. छठ पर्व 4 दिन का होता है. छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है. दूसरे दिन की पूजा को खरना कहा जाता है. जबकि तीसरे दिन ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. छठ के चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसके साथ ही छठ पूजा का समापन होता है.
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