अगर आप खाटू श्याम जी जाने क्या प्लान कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए काम की हो सकती है. राजस्थान के सीकर स्थित खाटू श्याम मंदिर में आरती के समय में बदलाव किया गया है. मौसम में बदलाव के चलते यह बदलाव किए गए हैं. मंदिर में दिन में पांच बार आरती की जाती है. बाबा श्याम के श्रृंगार, संध्या आरती खास होती है, इस आरती के दौरान बाबा श्याम अपना श्रृंगार बदलते हैं. तो बाबा श्याम की मंगला आरती भी खास रहती है. मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष से कृष्ण पक्ष की शुरुआत होने साथ ही श्याम बाबा की मंगला आरती के साथ श्रृंगार, सांध्य और शयन आरती के समय में बदलाव किया गया है.
देश के अनेक प्रदेश से आते हैं श्रद्धालु
सीकर स्थित खाटू श्याम मंदिर देश नहीं पूरी दुनिया में अपनी खास पहचान रखता है. प्रतिदिन यहां हजारों श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन करते हैं. तो हर महीने ग्यारस को 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन के लिए आते हैं. सरकारी अवकाश के दिन यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में रहती है. राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड सहित देश के कौने-कौने से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं. ऐसे में यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बाबा के श्रृंगार और आरती का खास महत्व रहता है.
बदलते मौसम के मद्देनज़र हुए बदलाव
मौसम में लगातार हो रहे बदलाव व सर्दी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए मंदिर प्रशासन की तरफ से आरती व श्रृंगार व्यवस्था में बदलाव किया है. गर्मियों में बाबा श्याम के दर्शन सुबह 4:30 मंगला आरती से शुरू होती थी. लेकिन अब सर्दियों के समय में उसमें बदलाव किया गया है. अब मंगला आरती सुबह 5:30 पर होगी. उसके बाद सुबह की श्रृंगार आरती 8:00 बजे, भोग आरती 12 बजकर 30 मिनट पर होगी. शाम की आरती 6:30 पर व शयन आरती रात 9:00 बजे की जाएगी.
आज से होगी नई व्यवस्था लागू
मंदिर में 5 दिसंबर से यह नई व्यवस्था लागू हो चुकी है. श्रृंगार आरती में बाबा श्रृंगार बदल जाता है. तो भोग आरती के दौरान बाबा श्याम को भोग लगाया जाता है. ऐसे में सभी आरती श्रद्धालुओं के लिए खास रहती है. बाबा के भक्तों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. सबसे ज्यादा मंगला आरती का महत्व है. ऐसे में देश-विदेश से आने वाले भक्तों को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो साथ ही बाबा की आरती आनंद ले सकें. इसलिए मंदिर प्रशासन की तरफ से समय में बदलाव किया गया है.
- हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट