Dev Uthani Ekadashi 2025: 4 माह बाद योग निद्रा से जागे विष्णु भगवान... देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त शुरू... जानें तुलसी विवाह और पूजा विधि

देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु योग निद्रा से चार महीनों के बाद जागते हैं. इस दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. इस दिन तुलसी विवाह और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का विशेष महत्व है. इस साल देवउठनी एकादशी  1 नवंबर को है. आइए इस विशेष दिन के महत्व और उससे जुड़े पहलुओं के बारे में जानते हैं.

Lord Vishnu
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:55 PM IST

देवउठनी एकादशी का पर्व इस साल 1 नवंबर दिन शनिवार को मनाया जाएगा. यह दिन हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि के संचालन की जिम्मेदारी पुनः संभालते हैं. इस दिन से विवाह, सगाई, मुंडन, भूमि पूजन और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी और भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और सुख-शांति बनी रहती है. इस बार देवउठनी एकादशी पर 6 लाख करोड़ रुपए के कारोबार का अनुमान लगाया गया है.  

शुभ कार्यों की शुरुआत
देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं. इस दिन से चातुर्मास का समापन होता है और शुभ कार्यों का आरंभ होता है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे कार्यों के लिए विशेष मुहूर्त होता है. इस साल एकादशी तिथि 1 नवंबर को सुबह 9:12 बजे शुरू होकर 2 नवंबर को शाम 7:31 बजे समाप्त होगी.

तुलसी विवाह का महत्व
देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का विशेष महत्व है. तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप से उनका विवाह किया जाता है. ज्योतिषाचार्य नितीशा मल्होत्रा ने बताया कि तुलसी विवाह से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और बाधाएं दूर होती हैं. इस दिन गन्ने के मंडप में तुलसी और शालिग्राम का विवाह संपन्न होता है.

बाजारों में रौनक और कारोबार का अनुमान
देवउठनी एकादशी के साथ ही शादी-विवाह का सीजन शुरू हो जाता है. बाजारों में खरीदारी की रौनक बढ़ गई है. ज्वेलरी और कपड़ों के नए ट्रेंड्स बाजार में आ चुके हैं. व्यापारियों के अनुसार, इस बार 6 लाख करोड़ रुपए के कारोबार का अनुमान है. ज्योतिषाचार्य कमल नंदन लाल ने बताया कि सोना गुरुदेव बृहस्पति और सूर्य का प्रतीक है. इसे धारण करने से जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि आती है. इस समय सोने की खरीदारी शुभ मानी जाती है.

शुभ योग और मुहूर्त
इस बार देवउठनी एकादशी पर रवि योग और ध्रुव योग बन रहे हैं, जो इसे और भी शुभ बनाते हैं. तुलसी विवाह का शुभ समय 1 नवंबर को दोपहर 1:11 बजे से 3:23 बजे तक रहेगा.

पूजा विधि और धार्मिक अनुष्ठान
देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा विधि में पंचामृत स्नान, तुलसी पत्र अर्पण, दीपक जलाना और विष्णु सहस्त्र नाम का जाप करना शामिल है. इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

 

Read more!

RECOMMENDED