विजयादशमी का महापर्व आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. दशहरा का पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है, जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने परम ज्ञानी रावण का वध किया था. इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया था.
इस पावन अवसर पर विजय का वरदान पाने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.विजयादशमी का पर्व देश के हर राज्य में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. जैसे उत्तर भारत में रावण दहन होता है, जिसमें रावण के पुतले जलाए जाते हैं. वहीं बंगाल, असम और ओडिशा में मां दुर्गा की पूजा और विसर्जन किया जाता है. दक्षिण भारत में इसे आयुध पूजा के रूप में मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने हथियार, साधन, गाड़ियां और कंप्यूटर, मोबाइल जैसे उपकरणों की पूजा करते हैं. कुल मिलाकर विजयादशमी के दिन शमी वृक्ष का पूजन, नीलकंठ पक्षी का दर्शन और अस्त्र-शस्त्र की पूजा करना शुभ माना जाता है. दशहरा के दिन रावण दहन हमेशा प्रदोष काल में किया जाता है. प्रदोष काल का समय सूर्यास्त के बाद शुरू होता है. रावण दहन गुरुवार की शाम 6 बजे से लेकर 7 बजकर 10 मिनट तक करना उचित होगा.
दशहरे की पूजा विधि और महत्व
दशहरे के दिन भगवान राम और भगवती दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है. इस दिन शमी वृक्ष का पूजन, नीलकंठ पक्षी का दर्शन और अस्त्र-शस्त्र की पूजा शुभ मानी जाती है. ज्योतिषीय दृष्टि से इस दिन किए गए महाप्रयोग जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का संचार करते हैं. नवरात्रि के समापन पर देवी मां की प्रतिमा का विसर्जन और कलश का जल पूरे घर में छिड़कने से नकारात्मकता समाप्त होती है.
रावण के 10 सिर बुराइयों के प्रतीक
रावण के 10 सिर काम, क्रोध, लोभ, मोह, द्वेष, घृणा, पक्षपात, अहंकार, व्यभिचार और धोखे का प्रतीक हैं. दशहरे पर रावण के पुतले का दहन इन बुराइयों को समाप्त करने का संदेश देता है. श्रीराम ने रावण के अहंकार और अधर्म का अंत कर हमें मर्यादा और धर्म का पालन करने का आदर्श दिया. ज्योतिष के अनुसार, भगवान राम की विजय का कारण उनके लग्न में स्थित सर्वोच्च बृहस्पति था, जबकि राहु के कारण रावण की मति भ्रष्ट हुई.
ज्योतिषीय दृष्टि से दशहरा का महत्व
ज्योतिष के अनुसार, दशहरे के दिन किए गए प्रयोग जीवन में शुभता लाते हैं. आदित्य हृदय स्रोत का पाठ और राम रक्षा स्रोत का जाप विजय प्राप्ति के लिए अत्यंत फलदायी माने जाते हैं. इस दिन शमी वृक्ष का पूजन और नीलकंठ पक्षी का दर्शन विशेष रूप से शुभ माना गया है.
दशहरे पर धन और रिश्तों में सुधार के उपाय
धन की कमी दूर करने के लिए दशहरे के दिन शमी का पौधा लगाना और नियमित रूप से उसमें जल डालना शुभ माना गया है. रिश्तों में मधुरता बढ़ाने के लिए नवरात्रि में बोए गए जौ की कोपलें संबंधित व्यक्ति को देने का उपाय बताया गया है.
रावण का पतन: अहंकार और अधर्म का अंत
रावण, जो परम ज्ञानी और शक्तिशाली था, अपने अहंकार और अधर्म के कारण पराजित हुआ. श्रीराम ने रावण के साथ उसकी लंका का भी विध्वंस किया. रावण के पतन की कहानी हमें सिखाती है कि ज्ञान और शक्ति का उपयोग धर्म और मर्यादा के लिए होना चाहिए.
दशहरे का संदेश
दशहरा हमें अपने अंदर की बुराइयों को समाप्त कर सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश देता है. यह पर्व हमें श्रीराम के आदर्शों को अपनाने और एक बेहतर समाज बनाने की प्रेरणा देता है. विजयादशमी की शुभकामनाओं के साथ यह पर्व हमें जीवन में सकारात्मकता और विजय का संदेश देता है. इस पर्व पर हमें अपने भीतर की बुराइयों का अंत कर अच्छाई को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए.
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