उत्तर प्रदेश के इस मंदिर में होती है मेंढ़क की पूजा, मिलता है मनचाहा फल

इस मंदिर का निमार्ण करीब 200 साल पहले करया गया था. सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया गया था. इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि ये रंग बदलता है. यहां मौजूद खड़ी नदी की मूर्ति आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेगी.

उत्तर प्रदेश के इस मंदिर में होती है मेंढ़क की पूजा, मिलता है मनचाहा फल
gnttv.com
  • लखीमपुर,
  • 17 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:09 PM IST
  • यहां रंग बदलती है शिवलिंग
  • तांत्रिक देवी-देवताओं की हैं मूर्तियां
  • ओयल साम्राज्य ने कराई थी स्थापना

भारत संस्कृतियों का देश है, संस्कृतियों के इस अद्भुत भारत में आपको तरह-तरह के मंदिर मिल जाएंगे. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के ओयल में भारत का एक ऐसा मंदिर है, जहां मेंढक की पूजा होती है. दरअसल मंदिर मांडूक तंत्र पर आधारित है. इस मंदिर में शिवजी मेंढक की पीठ पर विराजमान हैं.

यहां रंग बदलती है शिवलिंग
इस मंदिर का निमार्ण करीब 200 साल पहले करया गया था. सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया गया था. इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि ये रंग बदलता है. यहां मौजूद खड़ी नदी की मूर्ति आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेगी.

तांत्रिक देवी-देवताओं की हैं मूर्तियां
इस मंदिर की दीवारों पर तांत्रिक देवी-देवताओं की मूर्तियां लगी हैं. मंदिर के अंदर भी कई विचित्र चित्र भी लगे हैं, जिस कारण ये मंदिर काफी शानदार दिखता है. इस मंदिर के सामने ही मेंढक की मूर्ति है और पीछे भगवान शिव का पवित्र स्थल है, जो कि एक गुंबद के साथ चौकोर आकार में बना हुआ है.

ओयल साम्राज्य ने कराई थी स्थापना
पुरानी एतिहासिक कहानी को खुद में समेटता ये मंदिर ओओयल शैव साम्राज्य का एक केंद्र हुआ करता था. इस मेंढक मंदिर को ओयल शासकों ने स्थापित करवाया था. यहां पर भगवान शिवजील पीठासीन हैं, इसलिए इसे उत्तर प्रदेश के नर्मदेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है.

यहां पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं
इस मेंढक मंदिर में हर रोज हजारों भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं, लेकिन दिवाली और शिवरात्रि पर यहां का नजारा अलग ही होता है. इस मंदिर की मान्यता ये है कि यहां पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, और भक्तों को मनचाहा फल मिलता है.

 

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