Ganesh Utsav 2025: अकोला में रचा इतिहास! 10 हजार छात्रों ने बनाईं इको फ्रेंडली गणेश मूर्तियां, 10 टन शाडू मिट्टी से बना वर्ल्ड रिकॉर्ड

इस महीने के अंत में पूरे देश में गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. महाराष्ट्र के अकोला में 10 हजार छात्रों ने साथ मिलकर इको फ्रेंडली गणेश मूर्तियां बनाईं. छात्रों ने 10 टन शाडू मिट्टी से इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.

अकोला में छात्रों ने रचा इतिहास
gnttv.com
  • दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 4:36 PM IST
  • अकोला में 10 हजार छात्रों ने रचा इतिहास
  • छात्रों ने एक साथ मिलकर बनाईं गणेश मूर्तियां

गणेश उत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल गणेश उत्सव 26 अगस्त से शुरू हो रहा है. गणेश उत्सव को लेकर पूरे देश में गणपति की अनोखी और सुंदर मूर्तियां बनाई जा रही हैं. महाराष्ट्र के अकोला में इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है. अकोला में 10 हजार छात्रों ने एक साथ मिलकर बप्पा की शानदार मूर्तियां बनाईं हैं.

गणेशोत्सव को पर्यावरणपूरक बनाने का संदेश लेकर अकोला शहर में शनिवार को एक अनोखा और भव्य आयोजन किया गया. शहर के छत्रपति शिवाजी महाराज मैदान पर निलेश देव मित्र मंडल, नगर निगम, नंद गणपति प्रतिष्ठान और अन्य सामाजिक व पर्यावरणप्रेमी संगठनों की पहल से एक कार्यक्रम आयोजित गया. इस कार्यक्रम में  लगभग 8 से 10 हजार स्कूली छात्रों ने एक साथ मिलकर बप्पा की प्रतिमाएं बनाईं.

बना वर्ल्ड रिकॉर्ड

इस कार्यक्रम में गणेश मूर्तियां बनाने के लिए लगभग 10 टन शाडू मिट्टी का इस्तेमाल किया गया. छात्रों ने अपने छोटे-छोटे हाथों से श्रद्धा और उत्साह के साथ गणपति बप्पा की सुंदर मूर्तियां तैयार कीं. इस सामूहिक कार्यक्रम को लंदन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया, जिससे अकोला का नाम वर्ल्ड लेवल पर स्थापित हो गया.

महाराष्ट्र के अकोला में आयोजन स्थल पर शहर का माहौल भक्तिमय और उत्साहपूर्ण रहा. जगह-जगह बच्चे मिट्टी गूंधते, बप्पा का चेहरा गढ़ते और प्रतिमाओं को आकार देते नज़र आए. हर बच्चे की कोशिश यही रही कि बप्पा की मूर्ति सुंदर हो और साथ ही पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे.

अकोला में इस अवसर पर अकोला के जिला कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त भी मौजूद रहे. उन्होंने छात्रों की पहल की सराहना करते हुए कहा कि त्योहार की खुशियां तभी सार्थक होंगी जब प्रकृति का संतुलन भी बना रहे. आयोजकों ने बताया कि मकसद यही था कि नई पीढ़ी बचपन से ही इको फ्रेंडली गणेशोत्सव की परंपरा अपनाए.

छात्रों ने भी इस पहल में उत्साह से भाग लिया. इसको लेकर छात्र श्रेयस ने कहा , “हमें खुशी है कि हम अपने हाथों से बप्पा बना रहे हैं. यह मूर्तियां मिट्टी की हैं, जिससे नदियों और तालाबों को नुकसान नहीं होगा.” आयोजक निलेश देव और शरद कोटे ने बताया कि अकोला जैसे सांस्कृतिक शहर में यह आयोजन ऐतिहासिक रहा और आने वाले समय में इस तरह की पर्यावरणपूरक परंपराओं को और बढ़ावा दिया जाएगा. 

कब है गणेश उत्सव?

गणेश उत्सव हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है. यह दिन गणेश चतुर्थी कहलाता है. इसी दिन भक्त लोग बप्पा की स्थापना करते हैं.

  • गणेश उत्सव का पर्व 10 दिनों तक चलता है. आख़िरी दिन यानी अनंत चतुर्दशी को गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है.
  • इस बार गणेश उत्सव की शुरुआत बुधवार 27 अगस्त को होगी. इस दिन गणेश चतुर्थी का पर्व देश भर में धूमधाम से मनाया जाएगा. 
  • चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर होगा और इसका समापन 27 अगस्त 2025 को शाम 3 बजकर 44 मिनट पर होगा. 
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश पूजा का सबसे शुभ समय 27 अगस्त को सुबह 11 बजकर 5 मिनट से दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक का रहेगा. इसी दौरान भक्त विघ्नहर्ता गणपति की स्थापना और पूजन करते हैं. 
  • गणेश उत्सव कुल दस दिनों तक चलता है. अंतिम दिन यानी अनंत चतुर्दशी 6 सितम्बर को श्रद्धालु गणपति की प्रतिमाओं का विसर्जन करते हैं.
  • इस प्रकार गणेश उत्सव आस्था, श्रद्धा और सांस्कृतिक उत्सव का प्रतीक है, जिसमें भक्तजन बप्पा की स्थापना से घर में सुख-समृद्धि आती है.

(अकोला से धनंजय साबले की रिपोर्ट)

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