गणेश उत्सव का त्योहार शुरू होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. पूरे देश में गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. गणेश उत्सव के लिए तैयारी जोर-शोर से चल रही है. गणेश चतुर्थी महापर्व की शुरुआत हर साल भादो शुक्ल चतुर्थी को होती है. भादो शुक्ल की चतुर्दशी को गणेश जी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है. 10 दिन तक चलने वाले इस त्योहार के लिए पूरे देश में अनोखी गणेश प्रतिमाओं की स्थापना जाती है. महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई भगवान गणेश की सबसे ऊंची मूर्तियों के लिए जाना जाता है. भारत में भगवान गणेश के मंदिर भी हैं जहां ऊंची-ऊंची मूर्तियां है.
क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति भारत में नहीं है? दुनिया की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति भारत में नहीं तो कहां है? आइए इस जगह के बारे में जानते हैं.
दुनिया की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति को लेकर कई सारी कन्फ्यूजन रहती है. भारत में वैसे तो गणेश जी की कई विशाल प्रतिमाएं हैं लेकिन भगवान गणेश की सबसे ऊंची मूर्ति भारत में नहीं थाईलैंड में है. भगवान गणेश की विशाल मूर्ति थाईलैंड के चाचोएंगसाओ (Chachoengsao) है. इसे फ्रा फुत्ता सोमपोत्तान गणेश (Phra Phuttha Sothon Ganesh) के नाम से भी जाना जाता है. दुनिया की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति की ऊंचाई लगभग 39 मीटर (128 फीट) है.
थाईलैंड में बौद्ध धर्म के साथ-साथ हिंदू देवताओं की पूजा भी होती है. भगवान गणेश को यहां "फ्रा पिकानेट" कहा जाता है. इन्हें बाधाओं को दूर करने वाला और ज्ञान का देवता माना जाता है. इस मूर्ति को लोगों में समृद्धि, सफलता और शांति का संदेश देने के लिए बनाया गया है. थाईलैंड में गणेश की मूर्तियां व्यापार और कला के देवता के रूप में भी पूजी जाती हैं. यह जगह सैलानियों के बीच काफी फेमस है. यहां हर साल हजारों श्रद्धालु और पर्यटक घूमने के लिए आते हैं.
थाईलैंड में भगवान गणेश की यह सिर्फ मूर्ति नहीं है बल्कि आस्था, कला, इंजीनियरिंग और भारत-थाईलैंड सांस्कृतिक रिश्तों का सुंदर प्रतीक है. हर साल हजारों श्रद्धालु और टूरिस्ट आते हैं. इसकी जड़ें हजारों साल पहले से जुड़ी हुई हैं. साउथ-ईस्ट एशिया में ब्राह्मणवाद और हिन्दू के प्रचार-प्रसार हुआ था. समय के साथ भगवान गणेश थाई संस्कृति का भी हिस्सा बन गए. थाईलैंड में अब इन्हें सक्सेस, ज्ञान और सुरक्षा का देवता माना जाता है. गणेश जी की मूर्ति थाईलैंड में सिर्फ मंदिरों में नहीं दिखाई देते हैं. इसके अलावा लोगों के घरों, यूनिवर्सिटीज और दुकानों में भी गणेश जी की फोटो देखने को मिलती है.
भारत में भी कई जगहों पर ऊंची-ऊंची गणेश प्रतिमाएं हैं. भारत की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में “कदम्ब गणपति” है.
गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. इसे विनायक चतुर्थी या गणेश उत्सव भी कहते हैं. यह त्योहार भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है. गणेश उत्सव इस साल 27 अगस्त से शुरू हो रहा है. मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती ने भगवान गणेश को जन्म दिया. गणेश जी को बुद्धि, विवेक, ज्ञान और सौभाग्य का देवता माना जाता है. इसलिए इस दिन लोग उनकी पूजा करके अपनी जिंदगी में खुशहाली और सफलता की कामना करते हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज के समय से ही महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी बड़े उत्सव के रूप में मनाई जाती थी. बाद में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने आज़ादी के आंदोलन के दौरान इसे जनआंदोलन और सामाजिक एकता का प्रतीक बनाया.