Ganga Dussehra 2022: कब है गंगा दशहरा, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Ganga Dussehra 2022: 9 जून यानी कल गंगा दशहरा है. गंगा दशहरा को हिन्दू धर्म के लोग बड़े ही विधि विधान के साथ मनाते हैं. ऐसे में सभी जानना चाह रहे होंगे कि गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है. तो चलिए बताते हैं.

Ganga Dussehra 2022
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2022,
  • अपडेटेड 4:34 PM IST
  • 10 की संख्या में ही चीजें करें दान 
  • गंगा दशहरा पर गंगा स्नान करने से धुल जाते हैं सारे पाप

हिंदू धर्म में गंगा दशहरा को काफी महत्व दिया गया है. ऐसा माना गया है कि जो व्यक्ति गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करता है और विधि विधान से पूजा पाठ करता है उसको सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. लेकिन यह तभी संभव है जब पूजा विधि विधान से और शुभ मुहूर्त पर ही की जाए. क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में पर्व के साथ-साथ पर्व करने की विधि को भी उतना ही महत्वपूर्ण बताया गया है. इस बार गंगा दशहरा 9 जून को मनाया जाएगा.  ऐसे में सभी लोग यह जानने के इच्छुक होंगे कि गंगा दशहरा की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त कब है. तो चलिए जानते हैं इसके बारे में. साथ ही यह भी जानेंगे कि इस पूजा को इतना महत्व क्यों दिया गया है. इसके अलावा यह भी जानेंगे कि इस दिन भक्तजन और क्या करें जिससे उनको पर्व का ज्यादा लाभ मिले. 

गंगा दशहरा का महत्व

गंगा नदी को मोक्षदायिनी कहा गया है. ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन कोई मनुष्य गंगा स्नान करता है और पूजा पाठ करता है तो जन्मों जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति के जिंदगी में सुख समृद्धि लौट आती है. बता दें कि इसी दिन धरती पर मां गंगा अवतरित हुई थी, इसलिए इसे गंगा दशहरा कहा जाता है. 

शुभ मुहूर्त कब है 

इस बार शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानी कल 9 जून को गंगा दशहरा है. इसका शुभ मुहूर्त 9 जून गुरुवार को सुबह 8:21 से लेकर 10 जून शुक्रवार की शाम 7:25 तक रहेगा। वहीं हस्त नक्षत्र 9 जून को सुबह 4:31 से शुरू होकर 10 जून को सुबह 4:26 पर खत्म होगा।

पूजा विधि

सुबह उठकर सभी दैनिक क्रिया से निवृत होकर गंगा स्नान कर लें. अगर गंगा स्नान संभव नहीं है तो नहाने के पानी में पवित्र गंगा जल की कुछ बूंदें रखकर स्नान कर लें. स्नान करते समय ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः’ मंत्र का जाप करें. इसके बाद लोटे में जल लेकर सूर्य को अर्घ्य दें अगर संभव हो तो लोटा तांबे का ही लें. इसके बाद गंगा मां को सिंदूर,फूल और अक्षत अर्पित करके दीपदान करें

क्या करें  

निर्धन को दान करें। लेकिन ध्यान रखें कि इस दिन 10 की संख्या को विशेष महत्व दिया गया है. इसलिए अगर किसी को कुछ दान कर रहे हैं या पूजा में कोई चीज चढ़ा रहे हैं तो उसकी संख्या 10 ही होनी चाहिए। इन बातों का ध्यान रखने से मनुष्य की जिंदगी में सुख समृद्धि के रास्ते खुलते हैं.


 

 

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