ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिवार के दिन जूते-चप्पल का खोना या चोरी होना काफी शुभ संकेत माना जाता है. यह विशेष रूप से मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होने की स्थिति में और भी ज्यादा शुभ माना जाता है.
किस कारण से माना जाता है शुभ
- शनि देव का संबंध - ज्योतिष में माना जाता है कि मनुष्य के पैरों में शनि देव का वास होता है. चूंकि जूते-चप्पल पैरों से संबंधित हैं, इसलिए ये शनि ग्रह के कारक बन जाते हैं.
- बुरे समय की समाप्ति - शनिवार के दिन जूते-चप्पल चोरी होने का मतलब है कि आपका कठिन समय जल्द समाप्त होने वाला है और जीवन में खुशहाली तथा समृद्धि आने वाली है.
- शनि दोष से मुक्ति - यह शनि दोष, साढ़े साती या ढैय्या के कुप्रभाव से राहत दिलाता है. शनि देव प्रसन्न होकर आपको आशीर्वाद देते हैं.
- परेशानियों से छुटकारा - जीवन में चल रही समस्याओं और बाधाओं से मुक्ति मिलती है. कार्यों में सफलता मिलने लगती है.
- आर्थिक लाभ - गरीबी और दरिद्रता दूर होती है तथा धन-संपदा में वृद्धि होती है.
- प्राकृतिक दान - जब जूते-चप्पल अपने आप खो जाते हैं, तो यह प्राकृतिक दान के समान माना जाता है. यह शनि देव को अत्यंत प्रिय होता है.
- पुराने कर्ज से मुक्ति - ऐसा माना जाता है कि शनि देव आपके जूते-चप्पल लेकर पुराने कर्ज और कर्म का बोझ हल्का कर देते हैं.
यदि आपके जूते-चप्पल शनिवार को खो जाएं तो परेशान न हों, बल्कि इसे शुभ संकेत समझें. कई लोग जानबूझकर शनिवार को मंदिर में अपने पुराने जूते-चप्पल छोड़ आते हैं. विशेष रूप से चमड़े के जूते चोरी होना और भी शुभ माना जाता है.