पौष मास हिंदू पंचांग का दसवां महीना है. पौष माह 5 दिसंबर से 3 जनवरी 2026 तक रहेगा. इस महीने में सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व है. ज्योतिष के अनुसार सूर्य देव को ग्रहों का राजा माना गया है और उनकी कृपा से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं. इस महीने में सूर्य की शक्ति कमजोर हो जाती है, इसलिए उनकी उपासना और अर्घ्य देना अधिक फलदायी होता है.
पौष मास में सूर्य उपासना का महत्व
पौष मास में सूर्य देव की उपासना से व्यक्ति को स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु का वरदान मिलता है. ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि सूर्य की किरणों में सेहत का खजाना छिपा है. नियमित रूप से सूर्य देव को जल अर्पित करने से व्यक्ति पूरे साल स्वस्थ और संपन्न रहता है.
सूर्य देव को अर्घ्य देने के नियम
सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए तांबे के पात्र का उपयोग करें. जल में रोली और लाल फूल डालें और ओम आदित्य नमः मंत्र का जाप करें. जल अर्पित करते समय सूर्य देव के दर्शन करें और मन में उनके मंत्रों का उच्चारण करें. बिना स्नान किए जल अर्पित न करें और सूर्य की लालिमा रहते हुए ही अर्घ्य दें.
पौष मास में स्वास्थ्य और खानपान
पौष मास में सर्दियां अपने चरम पर होती हैं, इसलिए खानपान पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है. इस दौरान मेवे, गुड़ और हल्के तेल का सेवन करें. ठंडे पानी से स्नान करने से बचें और ज्यादा नमक और चीनी का उपयोग न करें. जीवनशैली में संयम और सात्विकता अपनाने से संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ मिलता है.
पितरों और भगवान विष्णु की पूजा
पौष मास में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म करना शुभ माना जाता है. साथ ही भगवान विष्णु की पूजा भी इस महीने में विशेष फलदायी होती है. ऐसा माना जाता है कि इस महीने में की गई पूजा पूरे साल के पुण्य के बराबर होती है.
ज्योतिषीय उपाय और महाप्रयोग
ज्योतिष के अनुसार पौष मास में सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए मंत्र जाप और ध्यान करना अत्यंत लाभकारी है. ओम घृणी सूर्याय नमः मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को जल अर्पित करें. लंबे समय से चली आ रही बीमारियों से निजात पाने के लिए घर के मुख्य द्वार पर अनार का पेड़ लगाएं और उसमें रोज जल अर्पित करें. पौष मास में सूर्य उपासना से न केवल स्वास्थ्य और समृद्धि का वरदान मिलता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव भी आते हैं. इस महीने में की गई साधना और दानपुण्य से व्यक्ति को धन, ऐश्वर्य और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है.