हर साल होने वाली कांवड़ यात्रा इस बार 11 जुलाई से शुरू होने जा रही है. इस यात्रा में लाखों शिव भक्त हरिद्वार से गंगाजल लेकर भगवान शिव पर चढ़ाने के लिए लंबी दूरी पैदल तय करते हैं. इस यात्रा के दौरान कांवड़ियों की सुविधा के लिए मेरठ जिला प्रशासन ने दुकानदारों के लिए नए आदेश जारी किए हैं.
दुकानदारों के लिए नए आदेश
मेरठ जिला प्रशासन ने कांवड़ यात्रा रूट पर पड़ने वाली दुकानों पर कुछ जानकारियां देना अनिवार्य किया है. आदेश के मुताबिक, दुकानदारों को अपनी दुकानों के बाहर खाने-पीने की चीजों के नाम और उनके दाम लिखने होंगे. इसका उद्देश्य यह है कि कांवड़ियों से तय कीमत से ज्यादा पैसे न लिए जाएं. इसके साथ ही, खाने-पीने की दुकानों पर फूड सेफ्टी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट लगाना भी अनिवार्य होगा, जिसमें दुकान मालिक का नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा होगा.
क्यूआर कोड और जुर्माना
प्रशासन ने यह भी आदेश दिया है कि हर दुकान पर एक क्यूआर कोड लगाना अनिवार्य होगा, जिसे स्कैन करके ग्राहक दुकान के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर कोई दुकानदार इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ़ सेफ्टी एक्ट के तहत 2,00,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के निर्देश
उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार ने भी कांवड़ियों के लिए प्रशासन को विशेष इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. साल 2024 में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा रूट पर बनी दुकानों पर मालिकों के नाम लिखने के आदेश दिए थे. उत्तराखंड सरकार ने भी इसी तरह का आदेश अपने राज्य में जारी किया है.
लोगों की राय
इस मुद्दे पर कुछ लोगों से बात की गई. एक दुकानदार ने कहा, 'हमने सेफ्टी डिपार्टमेंट को कहा है कि जो भी कांवड़ मार्ग पर परमानेंट शॉप्स हैं, उन्हें लाइसेंस दिया जाए.' एक अन्य व्यक्ति ने कहा, 'यह बहुत अच्छी योजना है, इससे कांवड़ियों को शुद्ध और अच्छी क्वालिटी का खाना मिलेगा.'
कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए मेरठ जिला प्रशासन के ये नए आदेश महत्वपूर्ण हैं. इससे न केवल कांवड़ियों को शुद्ध और सुरक्षित खाना मिलेगा, बल्कि दुकानदारों के लिए भी यह एक जिम्मेदारी का काम होगा.