Mansa Devi Mandir: हरिद्वार में भगवान शिव की पुत्री मां मनसा का है धाम, यहां नागों का भय होता है खत्म, धागा बांधने से भक्त की हर मुराद होती है पूरी, जानें इस शक्तिपीठ की महिमा

Mansa Devi Temple: हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि यहां धागा बांधने से भक्त की हर मुराद पूरी हो जाती है. यहां मां के दर्शन से नागों के भय से मुक्ति और जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. आइए इस शक्तिपीठ की महिमा जानते हैं.

Mansa Devi Temple (Getty Image) 
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:26 PM IST
  • मां मनसा देवी का मंदिर हरिद्वार के बिलवा पहाड़ पर है स्थित 
  • माता रानी यहां पंचमुखी स्वरूप में हैं विराजमान

हरिद्वार के बिलवा पहाड़ पर स्थित मां मनसा देवी का शक्तिपीठ श्रद्धालुओं के लिए आस्था और मनोकामना पूर्ति का प्रमुख केंद्र है. मां मनसा देवी को नागों की देवी कहा जाता है और उनकी पूजा से सर्पदंश से अभय का वरदान मिलता है. मां का यह धाम शिवालिक पहाड़ियों में स्थित है और यहां मां पंचमुखी स्वरूप में विराजमान हैं. मां के दर्शन से भक्तों को न केवल नागों के भय से मुक्ति मिलती है बल्कि उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं.

मां मनसा देवी का पौराणिक महत्व
मां मनसा देवी को भगवान शिव की मानस पुत्री माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, उनका जन्म भगवान शिव के तेज से हुआ था. धर्मग्रंथों में मां को नागों की देवी कहा गया है और उनके चारों ओर सात नागों का घेरा रहता है. महाभारत में भी मां मनसा का उल्लेख मिलता है, जहां राजा युधिष्ठिर ने उनकी पूजा की थी. धर्मग्रंथों में मां मनसा को नागराज वासुकी की बहन और ऋषि कश्यप की पुत्री भी बताया गया है. मां मनसा देवी का यह शक्तिपीठ नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, जब भक्तों की कतारें मंदिर में लगी रहती हैं.

मां के दरबार में पूजा की विधि
मां मनसा देवी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को पशु हिंसा से बचना चाहिए और नागों को मारने से परहेज करना चाहिए. मां के दरबार में नारियल चढ़ाने की परंपरा है, जो भक्तों की मनोकामना का प्रतीक माना जाता है. नारियल चढ़ाने से मां भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करती हैं. मंदिर में मन्नत का धागा बांधने और खोलने की परंपरा भी सदियों से चली आ रही है. मंदिर में कचनार के पेड़ पर मन्नत का धागा बांधा जाता है. भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने पर मां के चरणों में प्रसाद चढ़ाकर धागा खोलते हैं.

मां मनसा देवी का स्वरूप और शक्तिपीठ
मां मनसा देवी का स्वरूप पंचमुखी है और वे सर्पों पर विराजमान होती हैं. मां के गर्भगृह में मां महिषासुर मर्दिनी भी विराजमान हैं. गर्भगृह की दीवारों पर मां के विभिन्न अवतारों की कथाएं उकेरी गई हैं. मां के दरबार में चांदी और सोने से मढ़ा गर्भगृह भक्तों को अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है. मां के इस शक्तिपीठ को शक्ति पीठ माना जाता है क्योंकि यहां सती के देह त्याग के समय उनका मन गिरा था.

हरिद्वार आने वाले श्रद्धालु मां मनसा देवी के दरबार में मत्था टेकते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं. मां के आशीर्वाद से भक्तों के जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. मां मनसा देवी का यह शक्तिपीठ न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि भारतीय संस्कृति और पौराणिक कथाओं का भी प्रतीक है.


 

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