पटना के दुल्हिनबाजार स्थित मन्नत की मंदिर कहे जाने वाले उलार सूर्य धाम में छठ भारतीयों का आना शुरू हो गया है. श्रद्धालु यहां पुराने मन्नत उतारने पहुंच रहे हैं तो कई श्रद्धालु अपने नए मन्नत के साथ इस धाम पर पहुंच रहे हैं. मान्यता के अनुसार जो छठवर्ती यहां भगवान भास्कर को अर्ग देते है. उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. इसी संकल्प के साथ लोग यहां पहुंचते हैं और भगवान भास्कर का पूजा करते हैं और मन्नत मांगते हैं. मन्नत पूरी होने के बाद यहां नेटुआ का नाच कराने के भी परंपरा है.
दंडवत करते मंदिर पहुंचे हैं छठ व्रती-
छठ व्रती मन्नत पूरी होने पर दंडवत करते हुए सूर्य मंदिर तक पहुंचती हैं और भगवान भास्कर के मंदिर में पहुंच पूजा अर्चना करती हैं. वहीं, कई श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरी होने के बाद अपने बच्चों का मुंडन कराती हैं तो कई लोग नेटूआ यानी लौंडा का नाच भी कराते हैं. कई छठ व्रतियों ने भगवान भास्कर के मंदिर सहित तालाब की परिक्रमा की. भगवान भास्कर की पूजा अर्चना कर रहे हैं. अपनी मन्नत पूरा होने के बाद अलर सूरज मंदिर पहुंचे विनोद कुमार यादव ने बताया कि मेरी पत्नी के द्वारा बच्ची के प्राप्ति के लिए भगवान भास्कर से मन्नत मांगी गई थी, जो पूरा हो गई है और इसी मन्नत को उतारने हम यहां छठ करने पहुंचे हैं.
पुत्र प्राप्ति की मन्नत पूरी-
आकांक्षा बताती है कि पुत्री के प्रति के लिए हमने मन्नत मांगी थी. भगवान भास्कर ने हमारी बातों को सुनकर हमारे द्वारा मांगी गई मन्नत को पूरा की है. इस मन्नत को उतारने हम यहां पहुंचे हैं. वहीं, पटना से पहुंची सुपारा सिंह बताती हैं कि मेरे सास के द्वारा पति के लिए मन्नत मांगी गई थी. मन्नत आज पूरा हुआ है इसी को लेकर हम लोग पूरे परिवार उलार सूर्य मंदिर पहुंचे हैं और यहां भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगे.
भोपाल से पहुंची छठ व्रती-
वहीं, भोपाल से पहुंची सुधा सिंह ने बताया कि हमने सुना था कि जो मन्नत यहां मांगो वहां पूरा होता है. मेरे मां ने भाई के लिए मन्नत मांगी थी, जो 30 साल बाद मन्नत पूरा हुआ है. इसको लेकर हम लोग यहां मन्नत पूर्ण होने पर मन्नत को उतारने पहुंचे हैं. छठ व्रती मीना देवी बताती हैं कि मेरे सास ने पोता होने की मन्नत मांगी थी, जो भगवान भास्कर ने पूरा किया है. इसी मन्नत को उतारने हम उलार सूर्य मंदिर पहुंचे हैं.
प्राचीन मंदिर है- महंत अवध बिहारी
उलार सूर्य मंदिर के महंत अवध बिहारी दास ने बताया कि यह प्राचीन स्थल है, यहां आदिकाल से भगवान की आराधना लोग करते आ रहे हैं. यहां जो लोग भी मन्नत मांगते हैं. सारे लोगों की मन्नत पूरा होता है. छठ पर्व पर यहां पूरा हिंदुस्तान सहित नेपाल के भी लोग यहां भगवान भास्कर की पूजा करने पहुंचते हैं. सबसे खास बात यह है कि सूर्य मंदिर प्रांगण में स्थित तालाब, जिसमें स्नान करने से लोगों को चर्म रोग से भी मुक्ति मिलती है.
मन्नत की मंदिर कहे जाने वाले उलार सूर्य मंदिर में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया है. हर कोई अपनी अपनी मनोकामना के साथ उलार सूर्य मंदिर पहुंच रहे हैं. कोई अपने पुराने साल की मनोकामना को उतारने आ रहे हैं तो कई नए मनोकामना के साथ एक बार फिर उल्लाल सूर्य मंदिर पहुंच रहे हैं.
(मनोज कुमार सिंह की रिपोर्ट)
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