श्री राम जन्मभूमि मंदिर में हुई विशेष पूजा, मंदिर की बुनियाद फाउंडेशन का काम शुरू

राफ्ट के ऊपर करीब 20 फीट ऊपर तक फर्श का फाउंडेशन होगा. इसमें 30 हजार बलुआ और ग्रेनाइट पत्थरों के ब्लॉक का इस्तेमाल होगा. करीब 6 महीने में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के फर्श तक के फाउंडेशन का कार्य पूरा हो जाएगा. जबकि फर्श संगमरमर के पत्थरों से तैयार की जाएगी.

पहले ग्रेनाइट पत्थर के ब्लॉक का पूजन हुआ उसके बाद उसको मंदिर के निर्माण स्थल पर राफ्ट के ऊपर रखा गया.
gnttv.com
  • अयोध्या,
  • 25 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:48 AM IST
  • 6 महीने में पूरा हो जाएगा फर्श तक के फाउंडेशन का काम
  • दिसंबर 2023 में मंदिर में विराजमान हो जाएंगे रामलला

श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के क्रम में राफ्ट का काम पूरा हो गया है. राफ्ट के ऊपर ग्रेनाइट पत्थर के ब्लॉक रखकर मंदिर की बुनियाद यानि फर्श को ऊंचा करने का कार्य शुरू कर दिया गया है. निर्माण स्थल पर पूरे विधि-विधान और पूजा अर्चना के बाद पहले ग्रेनाइट पत्थर के ब्लॉक का पूजन हुआ उसके बाद उसको मंदिर के निर्माण स्थल पर राफ्ट के ऊपर रखा गया. इस दौरान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, अनिल मिश्र, महंत दिनेंद्र दास के साथ मंदिर निर्माण से जुड़ी एजेंसियों के इंजीनियर और कर्मचारी मौजूद रहे. 

6 महीने में पूरा हो जाएगा फर्श तक के फाउंडेशन का काम
राफ्ट के ऊपर करीब 20 फीट ऊपर तक फर्श का फाउंडेशन होगा. इसमें 30 हजार बलुआ और ग्रेनाइट पत्थरों के ब्लॉक का इस्तेमाल होगा. करीब 6 महीने में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के फर्श तक के फाउंडेशन का कार्य पूरा हो जाएगा. जबकि फर्श संगमरमर के पत्थरों से तैयार की जाएगी. हालांकि, फर्श पर पत्थर लगाने के पहले मंदिर निर्माण के लिए तराशे गए पत्थरों को क्रमबद्ध तरीके से लगाया जाएगा. इसमें सीमेंट और सरिये का इस्तेमाल नहीं होगा. प्राचीन निर्माण पद्धति के अनुसार तराशे गए पत्थर एक दूसरे के खांचे में फिट किए जाएंगे. खांचे में मजबूती से पत्थर एक दूसरे के बीच फिट रहे इसके लिए तांबे की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाएगा.

दिसंबर 2023 में मंदिर में विराजमान हो जाएंगे रामलला
नवंबर 2023 के पहले श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के प्रथम तल के निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा. जबकि दिसंबर 2023 में रामलला अस्थायी मंदिर से भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हो जाएगे. ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया जाएगा. पूरे विधि विधान के साथ रामलला को अस्थाई मंदिर से स्थायी मंदिर में समारोह पूर्वक शिफ्ट किया जाएगा. इसके बाद श्री राम मंदिर दर्शनार्थियों के पूजन-अर्चन के लिए खोल दिया जाएगा और दिसंबर के अंत तक दर्शनार्थी रामलला के भव्य मंदिर में दर्शन पूजन कर सकेंगे. मंदिर तीन मंजिल का होगा और दिसंबर 2023 तक प्रथम तल के निर्माण का कार्य ही पूरा हो सकेगा. इसलिए यह तय किया गया है की प्रथम तल के मंदिर निर्माण के साथ ही मंदिर में दर्शन-पूजन तो शुरू हो जाएगा लेकिन शेष बचे मंदिर के 2 तलों के निर्माण का कार्य चलता रहेगा. इस तरह 2025 तक श्री रामजन्मभूमि मंदिर के निर्माण का कार्य पूरा होगा.

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