श्रावण मास यानी भगवान शिव की आराधना का सबसे पवित्र समय माना जाता है. पूरे देश में इस महीने शिवालयों में ‘हर हर महादेव’ की गूंज सुनाई देती है. भक्त जलाभिषेक कर भोलेनाथ से अपने जीवन की समस्याओं का समाधान मांगते हैं. इसी आस्था और विश्वास के बीच प्रयागराज में स्थित है एक अनोखा शिव मंदिर ‘ताला वाले महादेव’, जहां भक्त मुराद पूरी होने तक ताला लगाकर चाबी अपने पास रख लेते हैं, और जब मनोकामना पूरी होती है, तो लौटकर वही ताला खोलते हैं.
ताले में बंद होती है मुराद, खुलते ही मिलती है राह
मुट्ठीगंज इलाके की पतली गलियों के बीचोंबीच स्थित यह छोटा-सा शिव मंदिर, बाहर से साधारण दिखता है लेकिन इसके बाहर और आसपास जो नज़ारा दिखता है वह हैरान कर देता है. मंदिर की दीवारों, दरवाजों, खिड़कियों और रेलिंग पर हजारों की संख्या में लटकते ताले इस बात के गवाह हैं कि यहां हर कोई अपने मन की बात महादेव से कहकर उन्हें ताले में "बंद" कर जाता है.
श्रद्धालु पहले मंदिर में पूजा करता है, फिर शिवलिंग के सामने ताला और चाबी रखकर मन ही मन अपनी मुराद भगवान शिव से साझा करता है. इसके बाद वह ताला बाहर लटका देता है और चाबी अपने पास रखता है. एक विश्वास के प्रतीक के तौर पर. जब मुराद पूरी हो जाती है, तो वही चाबी लेकर दोबारा मंदिर आता है और ताला खोलकर वापस ले जाता है.
पांच सौ साल पुरानी मान्यता, सावन में लगती है भारी भीड़
इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यह लगभग 500 साल पुराना है और इसकी स्थापना नाथ संप्रदाय द्वारा की गई थी. कुछ किवदंतियों में तो यह भी कहा जाता है कि मुगलों के काल में इसकी नींव रखी गई थी, जिसे विभिन्न भाषाओं में मंदिर की दीवारों पर लिखे शिलालेख भी प्रमाणित करते हैं। यह मंदिर महज 5 फीट के दायरे में सिमटा हुआ है, लेकिन इसकी मान्यता इतनी गहरी है कि दूर-दूर से लोग यहां दर्शन के लिए खिंचे चले आते हैं. पुजारी बताते हैं कि 2019 से यह ‘ताला लगाने’ की परंपरा शुरू हुई, और अब तक यहां लाखों ताले लग चुके हैं. हर ताले पर कोई निशान या नाम लिखा रहता है ताकि पहचान बना रहे.
सावन में महादेव के दरबार में ताले की विशेष भूमिका
श्रावण मास में इस मंदिर की रौनक देखते ही बनती है. सुबह से शाम तक मंदिर में घंटियों की गूंज, 'बोल बम' के जयकारे और भक्तों की कतार लगी रहती है. यहां लोग जल चढ़ाने के साथ-साथ अपने साथ लाए विशेष ताले को महादेव के सामने रखकर मन की बात कहते हैं. इस मंदिर की एक और खास बात यह है कि सिंगर (शुभ शुरुआत) भी ताले से किया जाता है. यानी भक्त किसी नए काम, रिश्ते या सपना शुरू करने से पहले ताला लगाकर अपनी आस्था महादेव को सौंपते हैं.
-आनंद राज की रिपोर्ट