शक्ति की उपासना का महापर्व नवरात्रि में मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ सबसे उत्तम साधन माना जाता है. ज्योतिषी कहते हैं कि नवरात्रि में इसका पाठ परम फलदायी और कल्याणकारी होता है. दुर्गा सप्तशती का पाठ शक्ति प्राप्ति और जीवन की समस्याओं के समाधान का अचूक साधन माना जाता है.
दुर्गा सप्तशती का महत्व
दुर्गा सप्तशती, जिसे मार्कंडेय ऋषि ने रचा, देवी दुर्गा की महिमा और महिषासुर पर विजय का वर्णन करती है. इसमें 700 श्लोक हैं, जो तीन भागों में विभाजित हैं. प्रथम चरित्र, मध्यम चरित्र और उत्तम चरित्र. ज्योतिषियों के अनुसार नवरात्रि के दौरान इसका पाठ परम फलदायी और शुभकारी होता है.
दुर्गा सप्तशती के पाठ से जीवन में सुख, शांति, आरोग्यता और धन-धान्य की वृद्धि होती है. यह नकारात्मक शक्तियों को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. सप्तशती के मंत्रों में मरण, मोहन, उच्चाटन, स्तंभन, वशीकरण और विध्वेशन जैसे प्रभावशाली श्लोक शामिल हैं.
सप्तशती के पाठ के नियम
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले मन, वचन और कर्म से पवित्र होना आवश्यक है. पाठ के दौरान सात्विकता बनाए रखें और लाल वस्त्र धारण करें. मंत्रों का जाप लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से करें. पाठ के पहले 'उक्लन मंत्र' का जाप 108 बार करें. यदि समय की कमी हो तो 'सिद्ध कुंजिका स्रोत' का पाठ करें, जो दुर्गा सप्तशती के फल के समान प्रभावी है. इसके अलावा देवी के 32 नामावली या किसी सिद्ध श्लोक का 108 बार जाप भी किया जा सकता है.
सप्तशती के सिद्ध मंत्र
1. दुर्गा सप्तशती में कई सिद्ध मंत्र हैं, जो जीवन की समस्याओं का समाधान प्रदान करते हैं.
2. सर्वमंगल मंगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते: यह मंत्र सभी प्रकार की मंगल कामनाओं की पूर्ति करता है.
3. सर्वबाधा प्रशमनं त्रिलोक्याखिलेश्वरी ऐव में त्वया कार्यमस्माध वैरी विनाशनं: यह मंत्र विघ्नों को दूर करता है.
4. ऐश्वर्ययत प्रसादेन सौभाग्य आरोग्य सम्पदा: यह मंत्र ऐश्वर्य और भय मुक्ति प्रदान करता है.
5. नवरात्रि के दौरान इन मंत्रों का जाप विशेष लाभकारी होता है. यदि आप सप्तशती का पाठ नहीं कर सकते तो देवी कवच, अर्गला स्रोत और किलकम का पाठ करें.
दुर्गा सप्तशती का पाठ कैसे करें
सप्तशती का पाठ देवी के समक्ष घी का दीपक जलाकर और लाल पुष्प अर्पित करके करें. पाठ के दौरान सात्विकता बनाए रखें और उपवास रखें. मंत्रों का जाप पूर्ण समर्पण और पवित्रता के साथ करें. दुर्गा सप्तशती के 13 अध्यायों में जीवन की हर समस्या का समाधान छिपा है. यदि आप पाठ करने में असमर्थ हैं तो देवी के चरणों में समर्पण करें और मंत्रों का जाप करें. इससे देवी कृपा प्राप्त होगी और आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.
नवरात्रि में देवी कृपा प्राप्त करने का सरल उपाय
जो लोग दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर सकते वे 'सिद्ध कुंजिका स्रोत' का पाठ करें. यह देवी कृपा प्राप्त करने का सरल और प्रभावी माध्यम है. इसके अलावा, देवी के 32 नामावली का पाठ भी लाभकारी है. नवरात्रि के दौरान देवी की आराधना और मंत्र जाप से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है. देवी के चरणों में समर्पण से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.