प्राचीन विद्या ज्योतिष के मुताबिक डिप्रेशन का ग्रहों से गहरा कनेक्शन है. कुछ ऐसे ग्रह हैं, जिनका संबंध अवसाद से है. चंद्रमा, बुध और राहुल ऐसे ही ग्रह है. जब ये ग्रह कुंडली में अशुभ होते हैं तो मन में अशांति, चिंता और निराशा आती है. चलिए आपको बताते हैं कि किन ग्रहों की स्थिति से डिप्रेशन होता है और इसका क्या उपाय है?
कौन से ग्रह अवसाद के लिए जिम्मेदार होते हैं ?
चन्द्रमा मन का स्वामी है और अवसाद में इसकी सबसे बड़ी भूमिका है. बुध बुद्धि का मालिक है और अवसाद को नियंत्रित करने या बढ़ाने में यह काम करता है. चन्द्रमा कमजोर हो या दूषित हो तो अवसाद होता है. चन्द्रमा को सबसे ज्यादा कमजोर और दूषित करते हैं शनि, राहु और सूर्य. इनके प्रभाव से व्यक्ति अवसाद में चला जाता है.
किन ग्रहों की स्थिति से व्यक्ति को डिप्रेशन होता है?
शनि या राहु, चन्द्रमा को प्रभावित करें तो अवसाद की स्थिति बन जाती है. इसमें शनि वाला अवसाद कभी कभी आध्यात्म पैदा कर देता है, जबकि राहु वाला अवसाद कल्पना की बीमारियां पैदा करता है. चन्द्रमा अस्त हो तो भी अवसाद की स्थिति बन जाती है. चन्द्रमा खराब हो और बुध ठीक हो तो व्यक्ति अवसाद से निकल जाता है. परन्तु अगर बुध भी गड़बड़ हो तो अवसाद से निकलना कठिन होता है. कभी कभी बृहस्पति भी व्यक्ति को अवसाद से बाहर निकाल देता है.
डिप्रेशन से बचने के उपाय-
डिप्रेशन दूर करने में आसन और प्राणायाम बहुत उपयोगी हैं. नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करने से भी लाभ होता है. ज्यादा से ज्यादा रोशनी का प्रयोग करें. दिन भर में एक केला जरूर खाएं. प्रातः और सायं 108 बार गायत्री मन्त्र का जप करें. सलाह लेकर एक पीला पुखराज या पन्ना धारण करें. मोती इस अवस्था में बिलकुल धारण न करें.
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